Ranchi- चदंनकयारी विधायक अमर बाउरी अभी ठीक से नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने के जश्न को सेलिब्रेट भी नहीं कर पाये थें कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जांच तेज होती नजर आने लगी है. इस मामले में बहुत ही जल्द उन्हे नोटिस भेजा जा सकता है.
ध्यान रहे कि अमर बाउरी पहली बार 2014 में बाबूलाल की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक के बनैर तले विधान सभा पहुंचे थें, लेकिन विधान सभा पहुंचे ही अपने दल के छह दूसरों विधायकों के साथ पाला बदलते हुए उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और इसके बदले में उन्हे मंत्री पद से नवाजा गया.
और तब इसे बाबूलाल के खिलाफ रघुवर का मास्टर स्ट्रोक माना गया था
इस प्रकार भाजपा से अलग होकर बाबूलाल अपने बूते आठ-आठ विधायकों को विधान सभा भेजने का जश्न भी सेलिब्रेट नहीं कर पायें. और उनकी पार्टी राजनीति के बियावान में फटकती नजर आने लगी. लेकिन इतिहास का पहिया बड़ा निर्मम होता है, अब ठीक वही कहानी अमर बाउरी के साथ दुहराई जाती नजर आने लगी है.
परसों ही उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने की चिट्ठी अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा बाबूलाल को सौंपी गयी थी, कल का दिन अमर बाउरी के लिए काफी चहल पहल वाला रहा. गुलदस्तों की बहार आ गयी, मिलने जुलने वालों का काफिला बढ़ने लगा. मुबारकवाद देने वालों की भीड़ जुटने लगी, लेकिन शाम होते होते यह खबर तेजी से फैलने लगी कि उनके सत्ता पक्ष की ओर से उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामलों को तेज करने का फैसला किया गया है.
रघुवर शासन काल के पांच मंत्रियों पर है आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
यहां बता दें कि अमर बाउरी के साथ ही रघुवर शासन काल में मंत्री रहे रणधीर कुमार सिंह, नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ मुंडा के विरुद्ध पद का दुरुपयोग करके आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का पुराना आरोप है.
इस मामले में पहले ही भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई, एसीबी के द्वारा राज्य सरकार के मामले में पीई दायर करने की अनुमति मांगी गयी थी. जिसके बाद 26 जुलाई को हुई मंत्री परिषद की बैठक में एसीबी को इसकी अनुमति प्रदान की गयी थी, अब एसीबी उसी मामले में नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है.
यहां यह भी बता दें कि इन पांचों मंत्रियों को खिलाफ अलग अलग पांच पीई दर्ज की गयी है, और प्रत्येक पीई की जांच के लिए पांच अलग अलग डीएसपी को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. पीई में दर्ज आरोपों की जांच के बाद ही एक बार फिर से एसीबी राज्य सरकार के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति की मांग करेगी.
झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर आय से अधिक संपत्ति का लगाया गया था आरोप
यहां यह भी बता दें कि इस मामले की शुरुआत झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक याचिका से हुई थी, तब पंकज कुमार नामक शख्स ने एक जनहित याचिका दायर कर यह दावा किया था कि मंत्री पद पर आसिन हुए इन मंत्रियों की संपत्ति में 200 फीसदी से 1100 फीसदी का इजाफा हुआ है, और यह संदेह के घेरे में हैं.
झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार ने आनन फानन में एसीबी को मामले में गोपनीय सत्यापन रिपोर्ट पेश करने आदेश दिया था. गोपनीय सत्यापन रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया कि आरोपों में तथ्य है और इसकी आगे जांच की जा सकती है, जिसके बाद राज्य सरकार ने पीई दर्ज करने का आदेश दिया था.
बदले सियासी हालात में अमर बाउरी के पक्ष में मोर्चा खोलना बाबूलाल की सियासी मजबूरी
राजनीति की विद्रुपता यह है कि जिस बाबूलाल को गच्चा देकर अमर बाउरी ने भाजपा का दामन थामा था, और तथाकथित रुप से आय से अधिक संपत्ति अर्जित किया था, अब उसी मामले में बाबूलाल को अमर बाउरी के पक्ष में मोर्चा खोलना होगा. हालांकि देखना होगा कि अमर बाउरी के पक्ष में और उनकी निर्दोषता को साबित करने लिए बाबूलाल कौन सा तीर लेकर सामने आते हैं.