Patna-15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का झंडात्तोलन के बाद गांधी मैदान से राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों के नाम सीएम नीतीश ने जिस वादे का एलान किया था, अब उसकी मुराद पूरी होने जा रही है. माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का एलान किया जा सकता है.
15 दिनों की ट्रेनिंग का लगाया जा सकता है शर्त
इस मामले में सरकार को इस मामले मे इंटरनल कमिटी की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और अब इस मामले में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. हालांकि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की शर्त क्या होगी, अभी इसको लेकर खुलासा नहीं किया गया है, क्योंकि शिक्षकों का नियोजन अलग अलग नियोजन इकाईयों के मार्फत हुआ है, और इन्ही इकाईयों के पास एक बार फिर से शर्तों की रुप रेखा तय करने का अधिकार होगा, अब चूंकी नियोजन इकाईयां अलग- अलग है तो बहुत संभव है कि शर्तों में एकरुपता का अभाव हो. वैसे माना जा रहा है कि राज्यकर्मी का दर्जा देने के पहले 15 या 30 दिनों की ट्रेंनिंग की शर्त लगायी जा सकती है और इस ट्रेनिंग के बाद एक परीक्षा का भी आयोजन किया जा सकता है, लेकिन जानकारों का मानना है कि सरकार पूरी तरह से कमर कस चुकी है, और इसमें कोई बड़ी बाधा खड़ी नहीं की जायेगी, अन्तोगतवा सरकार सभी शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा प्रदान करेगी.
माले विधायकों को मिलता रहा था साथ
यहां बता दें कि काफी दिनों से शिक्षकों की मांग राज्यकर्मी की दर्जा देने की थी. विभिन्न शिक्षक संघों के द्वारा लगातार इस मांग को उठाया जा रहा था, लेकिन बड़ी बात यह है कि सरकार के अन्दर भी इस मामले में दवाब बनाने का काम किया जा रहा था. जब पटना के आईएमए हॉल में शिक्षकों के द्वारा इस मुद्दे कन्वेंशन का किया गया था. तो उस कन्वेंशन में सत्ताधारी दल की ओर से माले विधायकों ने भी हिस्सा लिया था और नियोजित शिक्षकों के पक्ष में अपनी आवाज उठायी थी.