☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Big Stories

“सरहुल की झांकियां आक्रोश की स्वाभाविक अभिव्यक्ति” सुप्रियो का दावा महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के बाद अब सारंडा के जंगल पर है भाजपा की गिद्ध दृष्टि

“सरहुल की झांकियां आक्रोश की स्वाभाविक अभिव्यक्ति” सुप्रियो का दावा महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के बाद अब सारंडा के जंगल पर है भाजपा की गिद्ध दृष्टि

Ranchi-सरहुल पर्व पर निकाली गयी झांकियों पर सियासी तकरार थमता नहीं दिख रहा, एक तरफ जहां भाजपा जेल का ताला टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा जैसे स्लोगन पर अपनी आपत्तियां दर्ज कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन के द्वारा इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए केन्द्रीय सरना समिति से जुड़े 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन इस सबके बीच झामुमो ने इस पूरे प्रकरण से अपना पल्ला झाड़ते हुए यह दावा किया है कि यह आदिवासी समाज से जुड़े सामाजिक संगठनों की कार्रवाई है, इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है, यदि आदिवासी समाज केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर रहा है, तो इसमें सरकार कहां से आ गयी, यह तो उनके अंदर सुलगते गुस्से और आक्रोश की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है.

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद गुस्से की झलक है ये झांकियां

लेकिन इसके साथ ही झामुमो इस बात का दावा भी कर रही है, सरहुल के दिन जो झांकियां निकाली गयी, वह पूर्व सीएम हेमंत की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी-मूलवासी समाज में सुलगते गुस्से की स्वाभाविक अभिव्यक्ति थी. भाजपा और केन्द्र सरकार आदिवासी समाज की अस्मिता के साथ खेलने की कोशिश कर रही है, उसकी गिद्ध दृष्टि हमारे जल जंगल और जमीन पर लगी हुई है, जिस तरीके से महाराष्ट्र में आदिवासियों जंगल से निकाल बाहर किया गया, छत्तीसगढ़ में उनको जंगल से खदेड़ा जा रहा है, भाजपा ठीक वही कहानी झारखंड में दुहराना चाहती है. सारंडा के जंगल पर उसकी गिद्ध दृष्टि लगी हुई है.  जैसे ही आदिवासी समाज के अंदर से प्रतिकार की यह लडाई कमजोर होती है, यहां भी आदिवासियों को जंगल से खदेड़ा जायेगा.

अभिव्यक्ति की आजादी पर चुनाव आयोग का पहरा

 झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूछा है कि क्या अब आदिवासी समाज से उसकी अभिव्यक्ति की आजादी भी छीन ली जायेगी, क्या आदिवासी समाज को अपने गुस्से और असंतोष का सार्वजनिक इजहार करने से पहले भाजपा से अनुमति लेनी होगी. क्या आदिवासी-मूलवासी समाज को अब अपने गुस्से का इजहार करने की इजाजत नहीं होगी, भाजपा को इन झांकियों का विरोध करने बजाय आदिवासी समाज में पनपते गुस्से को समझने की कोशिश करनी चाहिए, कॉरपोरेट घरानों के दवाब में जिस प्रकार वह जल जंगल और जमीन की लूट राह पर निकल पड़ी है, उसके कारण आदिवासी समाज में जो गुस्सा है, उसका समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए और यदि चुनाव आयोग कानूनों की आड़ में आदिवासी समाज उपर मामला दर्ज करवाता है, कानूनी लड़ाई भी लड़ी जायेगी.

कहां है आदिवासी धर्म कार्ड 

सुप्रियो ने कहा कि आदिवासी संगठनों पर मामला दर्ज करने के बजाय भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि आदिवासी समाज का धर्म कोड कहां है, भाजपा ने तो आदिवासी समाज को सरना धर्म कोड देने का आश्वासन दिया था. क्या हुआ उसका, जबकि हेमंत सोरेन की सरकार के द्वारा इसे विधान सभा से पारित कर केन्द्र के पास भेजा गया. लेकिन आदिवासी समाज को उसका हक देने के बजाय भाजपा आदिवासी समाज जंगल से ही बेदखल करना चाहती है. लेकिन भाजपा की यह मंशा पूरी नहीं होने वाली है. आदिवासी समाज संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल करते हुए, भगवान बिरसा और सिद्धो कान्हू के राह पर चलते हुए अपने अधिकारों की लड़ाई ना सिर्फ लड़ेगा बल्कि जीत भी हासिल करेगा.

आप इसे भी पढ़ सकते हैं

कालकोठरी में भरत मिलाप! सियासी फौज के साथ बसंत सोरेन का पूर्व सीएम हेमंत से होटवार जेल में मुलाकात, प्रत्याशी चयन से लेकर उलगुलान महारैली पर संवाद

LS POLL 2024: 'सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं' पूर्व सीएम हेमंत का होटवार जेल से विजय हांसदा को जीत का गुरुमंत्र 

"विनोद सिंह कोडरमा में इंडिया गठबंधन का अधिकृत उम्मीदवार नहीं" चुनाव लड़ने की खबरों के बीच जयप्रकाश वर्मा का बड़ा एलान,  झामुमो के टिकट पर ठोंकेगे ताल

झारखंड में इंडिया गठबंधन को एक और झटका! कोडरमा से निर्दलीय ताल ठोंकने की तैयारी में जयप्रकाश वर्मा, मुश्किल में फंस सकती है विनोद सिंह की राह

LS POLL 2024-अपनी जीत या भाजपा का ताला खोलने की तैयारी में लोबिन हेम्ब्रम, जानिये कैसे विजय हांसदा के विजय रथ पर लग सकता है "लोबिन का ताला"

  

 

Published at:13 Apr 2024 02:46 PM (IST)
Tags:ulgulan maharallyUlgulan Maharally on 21st AprilPolitics in Jharkhand on the tableau of SarhoolJMM claims Sarhul tableau is expression of anger of tribal society after Hemant's arrestSarhul tableau expression of anger of tribal society after the arrest of HemantBJP's attack on Ulgulan MaharallySupriyo claims BJP wants to drive away tribals from Sanrada forestJMM claims BJP wants to capture water forest and land of tribals
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.