Ranchi-झारखंड की सियासत का कोहरा हर दिन एक नया रंग खिला रहा है. एक तरफ हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद विधायक दल के नेता चुने गये चंपई सोरेन को आज भी अपनी ताजापोशी का इंतजार है तो उधर कल भाजपा अपने विधायकों की बैठक करने जा रही है. दावा किया जा रहा है कि महागठबंधन के कई विधायक उसके सम्पर्क में हैं. हालांकि इस दावे में कितना दम है, यह एक अलग सवाल है, लेकिन जिस तरीके से राजभवन की ओर से ताजपोशी को आगे बढ़ाया जा रहा है, विधायकों के परेड और उनके हस्ताक्षर के बावजूद भी राजभवन की ओर से शपथ ग्रहण का आमंत्रण नहीं दिया जाना, कई सियासी सवाल खड़े कर रहे हैं. और इसके साथ ही झारखंड की सियासत का कोहरा और भी घनीभूत होता नजर आ रहा है. हालांकि इस बीच खबर यह भी है लोबिन हेम्ब्रम, चमरा लिंडा और सीता सोरेन से लेकर जो भी विधायक कल सीएम आवास नहीं पहुंचे थें, आज वह सभी विधायक सीएम आवास पहुंच चुके हैं, और इस सबों के साथ और कोई नहीं खुद कल्पना सोरेन संवाद स्थापित कर रही है.
लोबिन हेम्ब्रम, चमरा लिंडा और सीता सोरेन सभी वापस किस पर टिकी है भाजपा की आस
इस हालत में यदि भाजपा के सूत्रों के द्वारा कई विधायकों से सम्पर्क में होने का दावा किया जाता है, तो यह साफ है कि यह सरकार बनाने के बजाय महज एक दवाब बनाने की रणनीति है, शायद भाजपा यह मान रही है थी, इस सियासी उहापोह की स्थिति में कुछ विधायक उसके साथ चले आयेंगे, लेकिन बड़ी खबर यह है कि 43 में 38 विधायक इस सियासी कोहरे के बीच हैदराबाद की उड़ान भर चुके हैं. उन्हे चार्टेड विमान से हैदराबाद भेजा चुका. बाकि के पांच विधायक चंपई सोरेन के साथ राजधानी रांची में मोर्चा संभालेंगे. सरकार बनाने की गुत्थियों को सुलझाने का काम करेंगे. और यह खबर भाजपा के सभी अरमानों पर पानी फेरने के लिए पर्याप्त है. अब फैसला सिर्फ इस बात का होना है कि राजभवन कल क्या फैसला सुनाता है, शपथ ग्रहण की कौन सी तिथि और समय निर्धारित किया जाता है. इसके अतिरिक्त जो भी दावे प्रतिदावे किये जा रहे हैं, वह महज उलझाने की कोशिश है, क्योंकि जिस तरीके से झामुमो कांग्रेस के पास बहुमत का आंकड़ा है, उस आंकड़ों को पार पाना भाजपा के लिए कहीं से मुमकिन नजर नहीं आता.