Ranchi-चुनावी संग्राम के बीच हर दल की कोशिश अधिक से अधिक संख्या में भीड़ जमा करने की होती है. ताकि विरोधी खेमा में मजबूत सियासी पकड़ का संदेश दिया जा सके. लेकिन कभी-कभी यही उसकी कमजोरी बन जाती है, भीड़ जमा करने की होड़ में, यह भूला दिया जाता है कि इस भीड़ा का हिस्सा कौन है? भीड़ कहां की है, इसमें दिख रहे चेहरे भी वही है, जिसका दावा किया जा रहा है, या फिर कहानी कुछ और है. कुछ यही स्थिति झारखंड भाजपा में बनती दिख रही है. एक तरफ पीएम मोदी दलित-पिछड़ी जातियों के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि कांग्रेस की सत्ता आयी तो दलित-पिछड़ों का आरक्षण छीन कर मुसलमानों के बीच बांट दिया जायेगा, वहीं दूसरी ओर झारखंड भाजपा इस बात का दावा ठोंक रही है कि दूसरी जातियों और धर्मों के समान ही मुसलमान भी भाजपा के साथ खड़ा है.
सीपी सिंह की उपस्थिति में हिन्दुओं को टोपी पहनाकर बताया मुसलमान
इसी कोशिश में राजधानी रांची में नगर विधायक सीपी सिंह की उपस्थिति में मुस्लिम समाज की एक बैठक का दावा किया गया, सैकडों की संख्या में इन मुस्लिमों के द्वारा भाजपा को अपना समर्थन का एलान किया गया, मंच से इस बात की दावेदारी भी कि गयी कि यह पूरी भीड़ मुस्लिम समुदाय की है. लेकिन जैसे ही किसी ने भीड़ में शामिल होकर एक एक व्यक्ति का नाम पूछा तो सारी कलई खुलती नजर आयी. जैसे जैसे पूछताछ आगे बढ़ी मालूम हुआ कि ये सारे हिन्दू हैं, कुछ आदिवासी भी है, लेकिन कुछ खिजरी के हैं, तो कुछ राजधानी रांची के, इन लोगों को गोल-गोल टोपी पहनाकर बैठा दिया गया, ताकि मुस्लिम समुदाय में यह मैसेज जाये कि मुस्लिम समुदाय भी भाजपा के साथ खडा है, पीएम मोदी का प्रशंसक है. जैसे ही यह कई कलई खुली, झामुमो भी आक्रमक हो गयी, उसने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा कि “गोल माल है भाई सब गोल माल है। वोट के लिए आख़िर कहाँ तक गिरेंगे ये”
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