Panta- गुरुवार की रात वैशाली में दरिन्दी की शिकार हुई रेप पीड़िता ने अब अपना मुंह खोला है. पीएमसीएच में समूचित चिकित्सा नहीं मिलने के बाद फिलहाल पीड़िता का इलाज एक निजी चिकित्सालय में करवाया जा रहा है. जहां उसकी हालत में सुधार देखने को मिल रहा है, पीड़िता अब अपना दर्द बयां करने की स्थिति में आ गई है. और अब वह उस काली रात की दरिंदगी को बयां कर रही है. हालांकि वह अभी भी काफी आंतकित है, उसके चेहरे पर अभी भी आंतक तैर रहा है.
सामूहिक बलात्कार के बाद पिलाया जहर
पीड़िता के अनुसार वह गुरुवार की काली रात थी, रात के करीबन 11 बजे रहे थें, दरवाजे पर कुछ शोर हुई, जिसके बाद वह दरवाजे की ओर दौड़ी, लेकिन यहीं उसका दुर्भाग्य उसका पीछा कर रहा था, दरवाजे के पास गांव के ही पांच युवक खड़े थें, जब तक वह कुछ समझ पाती, ये पांचों दरिन्दे उसे दबोच चुके थें. वह चिखती-चिल्लाती रही, लेकिन उन पांचों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. पांचों उसे उठाकर उसे पास की बांसबाड़ी में लेकर चले गयें और एक एक कर उसकी अस्मत को रौंदते रहें. दरिन्दे यही नहीं रुके, अस्मत लूटने के बाद उसे जहर भी पिलाने की कोशिश, हालांकि उसका बड़ा हिस्सा झटक कर गिर गया, इस बीच वह उनके चंगुल से निकल भागने में सफल रही.
पीएमसीएच में नहीं हुआ कोई सुधार
उसकी हालत देख कर परिजन तत्काल चिकित्सक के बाद ले गयें. जहां से उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया, लेकिन पीएमसीएच में स्थिति में सुधार नहीं होने पर एक बार फिर से उसे निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया.
पीड़िता बताती है कि जिस समय उसकी अस्मत लूटी जा रही थी, ठीक उसी समय उसके मोबाइल पर उसके पापा का लगातार फोन आ रहा था, लेकिन वह एकदम लाचार थी, अपने घर से महज चंद कदम की दूरी पर जाने पहचाने चेहरों के द्वारा उसकी अस्मत से खेला जा रहा था. जब इन दरिन्दों की चंगुल से भागी तो तुरंत अपने पापा को फोन किया, उसके बाद पापा भागते हुए घर आये और तुंरत इलाज करवाने में जुट गये. पीड़िता की एक ही मांग है कि जो उसके साथ हुआ वह अब किसी बेटी के साथ नहीं हो, इन दरिन्दों को मृत्यु दंड की सजा मिले.
पापा अब मैं नहीं बचूंगी
घटना की जानकारी देते हुए पीड़िता के पिता का कहना है कि हर दिन ड्यूटी से आने के पहले मैं अपनी बेटी को फोन करता हूं, लेकिन घटना वाले दिन बार बार उसका फोन काट दिया जा रहा था, करीबन सौ बार फोन किया, लेकिन हर बार मेरा फोन काट दिया गया, काफी देर बाद उधर से बेटी का फोन आया, और एक ही आवाज आई पापा अब मैं नहीं बचूंगी, मेरे साथ इन लोगों ने काफी गंदा काम किया है. किसी प्रकार मैं दौड़ता हुआ आया और बेटी को एक निजी चिकित्सक से दिखवाया, जहां से उसे वैशाली सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन उसकी नाजुक स्थिति को सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया, लेकिन वहां भी उसका उचित इलाज नहीं हुआ, जिसके बाद एक निजी चिकित्सक से दिखलाने का निर्णय लिया. उसके पेट में अभी भी जहर फैला है.