टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- बेंगलुरु बैठक के बाद एक बार फिर से नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज होती नजर आ रही है, खासकर जिस प्रकार से सीएम नीतीश लगातार राबड़ी आवास में जाते दिख रहे हैं, लालू तेजस्वी से उनकी मुलाकात हो रही है, उससे इन चर्चाओं को बल मिला है और इस बात का दावा किया जा रहा है कि 22 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा
राजद कोटे से दो मंत्री बनाये जाने की चर्चा
ध्यान रहे कि राजद कोटे से कृषि मंत्री बनाये सुधाकर सिंह ने सरकार के मुखिया नीतीश कुमार की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दिये थें, उनके द्वारा बार-बार नीतीश कुमार को निशाने पर लिया जा रहा था, जिसके बाद उन्हे मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखला दिया गया था, जबकि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह कानूनी लफड़े में फंस चुके थें, जिसकी अंतिम परिणति उनके इस्तीफे के रुप में हुई, अब राजद अपने कोटे से रिक्त हुए दो मंत्री पद भरने की तैयारी में है.
खबर यह है कि राजद अपने कोटे से बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को मंत्री बनाना चाहती है, ताकि राजद सुधाकर सिंह और कार्तिकेय सिंह की क्षतिपूर्ति की जा सके और सवर्णों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि राजद अब माय समीकरण से बाहर निकल कर ए टू जेड की पार्टी बन चुकी है. इस बीच कार्तिकेय सिंह भी कानूनी लफड़ों से बाहर निकल चुके हैं, इस आधार पर दावा किया जा रहा है कि राजद एक बार फिर से मंत्रिमंडल में उनकी वापसी करवा सकती है.
कांग्रेस भी सवर्ण चेहरों पर दांव लगाने को बेकरार
जबकि कांग्रेस काफी लम्बे अर्से से दो मंत्री पद की मांग कर रही है. खबर है कि वह अपने कोटे से एक राजपूत चेहरा आनंद और ब्राह्मण कोटे से विजय शंकर दुबे को सामने लाने की तैयारी में है, हालांकि चर्चा अजीत शर्मा की भी हो रही है. लेकिन इस मामले में अंतिम फैसला राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे को लेना है, इस परिस्थिति में यदि कांग्रेस किसी दलित या पिछड़े चेहरे को भी आगे करती है, तो आश्चर्य नहीं होगा.
नीरज सिंह को मंत्री बनाये जाने की चर्चा
जबकि जदयू अपने कोटे से अपना प्रखर प्रवक्ता नीरज सिंह को मंत्रिमंडल में लाने की तैयारी में है. नीरज सिंह के पक्ष में उनकी वाकपटुता जाती है, जिस प्रकार से वह भाजपा और मोदी को घेरते रहे हैं. जदयू उन्हे उसका इनाम देने की तैयारी में है.
कई मंत्रियों को किया जा सकता है ड्रॉप आउट
लेकिन इस सब के बीच चर्चा इस बात की भी है कि जदयू अपने कुछ मंत्रियों ड्रॉप कर उन्हे लोकसभा चुनाव की तैयारी करने का आदेश दे सकती है, जबकि कई मंत्रियों का विभाग भी बदला जा सकता है, इसमें सबसे अधिक चर्चा शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर को लेकर है, दावा किया जा रहा कि शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी अब आलोक मेहता को दी जा सकती है. अब देखना होगा कि अंतिम फैसला क्या आता है, और 22 जुलाई को कौन कौन से चेहरे मंत्रिमंडल का हिस्सा बन सकते हैं. लेकिन इतना तय है कि इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में सवर्ण चेहरों की भरमार होने वाली है.