रांची(RANCHI)- डुप्लेक्स- ई-3, वाटिका ग्रीन सिटी जमशेदपुर, बीरेंद्र राम व पत्नी राजकुमारी के नाम, फ्लैट नंबर 334, सी ब्लॉक, दिल्ली, राजकुमारी व बीरेंद्र के नाम, मकान - डी-70, साकेत, दिल्ली, बीरेंद्र और राजकुमारी के नाम, डुप्लेक्स - ई-2, वाटिका ग्रीन सिटी जमशेदपुर, बीरेंद्र राम के नाम, प्लॉट- पिठौरिया, रांची, बीरेंद्र के नाम
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फॉर्च्यूनर - बेटा आयुष रैपशन के नाम,ऑडी ए6 - बेटा आयुष रैपशन के नाम,ऑडी - पत्नी राजकुमारी देवी के नाम,स्कोडा सुपर्ब एलिगेंस- रिश्तेदार पन्ना मति देवी,फर्च्यूनर - रिश्तेदार अंकित साहू, फॉर्च्यूनर - परमानंद सिंह बिल्डर्स प्रा. लि.,इनोवा - सुदेश कुमार प्रा. लि.
बीरेन्द्र राम की काली कमाई की यह सूची किसी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नहीं बनायी गई है, बल्कि ईडी ने लम्बे अनुसंधान और जांच के बाद इस सूची को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में दाखिल में किया है. इस सूची में सिर्फ बीरेन्द्र राम की काली कमाई ही नहीं है, बल्कि उसका प्रमुख सहयोगी और इस खेल का मास्टर तारांचद, उसका सीए मुकेश मित्तल का सहयोगी निरज मित्तल, हवाला कारोबारी रामप्रकाश भाटिया की सूची भी शामिल है.
इस विशाल साम्राज को खड़ा करने में ताराचंद का अहम रोल
राजधानी रांची से दिल्ली तक फैले इस विशाल साम्राज्य को खड़ा करने में ताराचंद का अहम रोल है, यह ताराचंद ही था, जो फर्जी दस्तावजों के आधार पर पैन कार्ड का बनवाता था और बाद में उस नाम से फर्जी आदमी को खड़ा कर बैंक का खाता भी खुलवाता था, हालांकि इस खेल की हर खबर उसके सीए मुकेश मित्तल को भी थी. इस खेल का दूसरा अहम किरदार राम प्रकाश भाटिया था, दावा किया गया है कि यह राम प्रकाश भाटिया ही था, जो बीरेन्द्र राम की काली कमाई को दिल्ली पहुंचाता था.
पिता पत्नी सहित खुद भी खा रहा है जेल की हवा
यहां बता दें कि फिलहाल बीरेन्द्र राम के साथ ही उसका पिता और पत्नी सभी जेल में है. हालांकि पिता और पत्नी के द्वारा ईडी के विशेष अदालत में जमानत देने की गुहार लगायी गयी थी, लेकिन उनकी अपील को खारिज कर दिया गया, इस बीच ईडी ने इनकी पूरी काली कमाई का काला चिट्ठा विशेष अदालत के सामने पेश कर दिया है.