Ranchi- सीएम हेमंत को भेजे गये ईडी की नोटिस को झामुमो ने लोकतंत्र का सम्मान बताया है, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने अब इस नोटिस पर तंज कसते हुए कहा है कि इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है. देश का मौजूदा राजनीतिक हालत में यही हो रहा है, जो भी व्यक्ति प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर सवाल खड़े करता है, उनकी विभाजनकारी नीतियों पर प्रश्न उठाता है, उसके दरवाजे पर ईडी का नोटिस चस्पा कर दिया जाता है. कुछ यही कहानी हेमंत सोरेन के साथ ही हुई, लेकिन इससे कुछ बनने बिगड़ने वाला नहीं है, इस देश की जनता अपना मन मिजाज बना चुकी है, और 2024 में इनकी विदाई होने वाली है, यह विदाई का वक्तव्य है. इसके साथ ही सुप्रियो ने यह भी दावा भी किया कि आदिवासी कभी किसी की जमीन नहीं हथियाता, हेमंत सरकार ने कई ऐसे लोगों को उनकी जमीन वापस दिलवाने का काम किया है, जिन्हे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा किया गया था.
सीएम हेमंत के ईडी दफ्तर जाने पर सस्पेंस
हालांकि सुप्रियो भट्टाचार्य इस सवाल को टाल गये कि 14 अगस्त को सीएम हेमंत ईडी दफ्तर जायेंगे या नहीं, लेकिन इतना जरुर कह दिया कि यदि इस देश का आदिवासी अपने पर आ गया तो भाजपा की बती गुल हो जायेगी.इस बयान के बाद साफ है कि सीएम हेमंत को भेजा गया नोटिस को झामुमो भाजपा के खिलाफ हथियार के बतौर प्रयोग करने वाली है और उसकी कोशिश इसे आदिवासी विरोधी मुहिम के रुप में प्रचारित करने की है. आने वाले दिनों में यह दावा भी किया जायेगा कि भाजपा एक आदिवासी चेहरे को सीएम के रुप में देखना पसंद नहीं करती, यही कारण है कि बगैर किसी सबूत और दस्तावेजी साक्ष्य के सीएम का नाम घसीटा जा रहा है.
अखबारों की रिपोर्टिंग पर भी सवाल
सुप्रियो ने इस मामले में विभिन्न अखबारों की रिपोर्टिंग पर भी सवाल खड़ा किया, उन्होंने कहा कि अलग -अगल अखबारों ने अलग -अलग जमीन का खाता प्लॉट प्रकाशित किया, साफ है कि किसी के पास इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, सब कुछ कयासों के आधार पर चलाया जा रहा है. जबकि मीडिया से तथ्यपरक जानकारी की उम्मीद की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा देखने को नहीं मिला.