रांची(RANCHI): भले ही इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक अभी मुम्बई में चल ही रही हो, इसके घटक दलों में एक झंडा, एक लोगो और संयुक्त सचिवालय पर मगजमारी अभी जारी हो, लेकिन इसकी पहली सुहानी जीत इसके मुहाने पर खड़ी है.
दरअसल यह दावा झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की ओर से आया है, डुमरी के जंगे-मैदान में जीत का परचम फहराने का दावा करते हुए सुप्रियो ने कहा कि हम ना सिर्फ डुमरी जीतने जा रहे हैं, बल्कि भारी मतों से जीतने जा रहे हैं और यह जीत सिर्फ झामुमो और उसके घटक दलों की नहीं होगी, वास्तव में यह इंडिया गठबंधन की पहली जीत होने जा रही है. डुमरी वह पहली सीट होगी, जो इंडिया गठबंधन के खाते में आयेगी.
सुदेश महतो पर वादा खिलाफी का आरोप
इस जीत के दावे के साथ ही सुप्रियो ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो पर वादाखिलाफी का बड़ा आरोप भी लगाया, उन्होंने कहा कि यह वही सुदेश महतो हैं जो टाईगर जगरनाथ की चिता के समक्ष इस बात का वादा किया था कि वह उनकी पत्नी बेबी देवी और परिजनों के साथ हर सुख दुख की घड़ी में साथ रहेंगे, लेकिन उधर चिता की राख भी नहीं बूझी और इघर सुदेश महतो ने अपना रंग बदल लिया. जिसके साथ वह सुख दुख में साथ खड़ा रहने का वादा कर रहे थें, अब उसी टाईगर जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को दारु बेचने वाली महिला बता कर पूरे महतो समाज को अपमानित करने का काम कर रहे हैं, किसी कमजोर और महतो महिला का मंत्री बनना सुदेश महतो को हजम नहीं हो रहा. यही कारण है कि अनाप-शनाप आरोपों की बारिश की जा रही है.
सुदेश महतो को दिखलाया आईना
लेकिन सुदेश महतो यह नहीं भूलना चाहिए कि यह जगरनाथ महतो ही थे, जिसने आदिवासी-मूलवासियों की ल़ड़ाई को जिंदा रखा, सुदेश महतो के मंत्री रहते तो पिछड़ों के आरक्षण पर कैंची चलाया गया, आरक्षण को 27 फीसदी से 14 फीसदी कर दिया गया, लेकिन मंत्री के रुप में सुदेश महतो की बोली नहीं निकली, वह इधर उधर की बात खूब करते हैं, पिछड़ों की लड़ाई का दावा करते हैं, लेकिन जब पिछड़ों के आरक्षण पर कैंची चली तो उनकी चुप्पी नहीं टूटी, जबकि टाईगर जगरनाथ ने इसकी लड़ाई लड़ा और पिछड़ों को उनका आरक्षण वापस देने का काम किया गया, 1932 के सवाल पर भी सुदेश महतो का हाल हम सबों ने खूब देखा है, वह 1932 की बात करते हैं और 1985 के पक्ष में मतदान, यही उनका दोहरापन है, और अब वह इतना गिर गये कि उस टाईगर की विधवा को दारु बेचने वाली महिला बता रहे हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.