TNPDESK- उम्मीदवारों की पहले लिस्ट से अपना नाम खोजते शिवराज सिंह चौहान को आखिरकार चौथी लिस्ट में अपना नाम मिल गया, इस प्रकार उनके चुनाव लड़ने पर जारी संशय पर विराम लग गया, भाजपा ने उन्हे उनके परंपरागत सीट बुधनी से मैदान में उतारा है.
इस लिस्ट के साथ ही भाजपा मध्यप्रदेश के सियासी अखाड़े के लिए कुल 136 नामों का एलान कर दिया है. हालांकि अभी भी 94 सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान किया जाना बाकी है.
ध्यान रहे कि वर्ष 2005 से मध्यप्रदेश की कमान संभाल रहे सीएम शिवराज सिंह अपनी अंतिम पारी खेलते दिखलाई पड़ रहे हैं. क्योंकि इस बार भाजपा उनके चेहरे के बजाय पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव प्रचार करती नजर आ रही है, साथ ही उन्हे मुख्यमंत्री के रुप में प्रोजेक्ट करने से बचा जा रहा है. बीच यह खबर भी आयी थी भाजपा आलाकमान उन्हे विधान सभा का टिकट भी देने के मुड नहीं है, इसके बदले वह सामाजिक नेतृत्व में चुनाव लड़कर मध्यप्रदेश की कमान किसी और हाथ में सौंपने की तैयारी में है, लेकिन राजनीति के पुराने धुंरघर शिवराज इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाले थें, अपनी कई सभाओं में उन्होंने खुद प्रधानमंत्री की मौजदूगी में जनता से यह सवाल कर दिया कि क्या वह उन्हे सीएम के रुप में देखना चाहती है, बात यहीं खत्म नहीं हुई, इसके साथ ही शिवराज ने प्रधानमंत्री की उपस्थिति में यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि क्या वह पीएम मोदी को एक बार फिर से पीएम बनाना चाहती है.
पार्टी में बगावत करते दिखलायी पड़ रहे थे शिवराज
उनकी इस बयानबाजी को बगावत माना गया था, और दावा किया जा रहा था कि यह सवाल उठाकर भाजपा आलाकमान को मैसेज देना जा रहे हैं कि यदि उनकी लुटिया डूबने वाली तो दिल्ली की गद्दी भी सुरक्षित नहीं है. खैर, अब टिकट मिलने के साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर संशय खत्म हो चुका है, अब देखना होगा कि आगे की उनकी रणनीति क्या होती है, और जिस मध्यप्रदेश के सियासी अखाड़े से उनकी विदाई की कथा लिखी जा रही थी, उसकी अंतिम परिणति क्या होती है.