रांची(RANCHI)-अक्सर अपने बयानों और खुलासों को लेकर चर्चा में रहने वाले निर्दलीय विधायक सरयू राय ने झारखंड की राजनीति में एक नया खुलासा करने का दावा किया है. सरयू राय के दावों के अनुसार झारखंड राज्य वेबरेजेज कारपोरेशन (जेएसबीसीएल) के खाते में करीबन 52 करोड़ रुपये का अंतर है और विभाग इसका आंतरिक ऑडिट करवा कर लीपापोती की तैयारियों में जुटा है.
झारखंड में शराब का थोक क्रय-विक्रय करनेवाली सरकारी कंपनी विबरेज कॉरपोरेशन के खाता मिलान में क़रीब ₹52 करोड़ का अंतर होने की सूचना है. आंतरिक अंकेक्षण कराकर इसपर लीपापोती करने की कोशिश की गई है. #CAG इसके बैंक खातों और इससे लेनदेन के संबंधित खातों का विस्तृत अंकेक्षण करें,
— Saryu Roy (@roysaryu) May 8, 2023शराब घोटाला पर झारखंड हाईकोर्ट में मुक़दमा करने वाले ज़रा सा भी शिथिल होंगे तो इसे नए सिरे से उठाया जाएगा.शराब घोटाला के तीन चरण हैं. पहला-2016 से 2019,किरदार-सम्मुख+फ्रंटलाईन.दूसरा-2020 से 2022 और तीसरा-2022 से अब तक,दोनों के किरदार हैं छत्तीसगढ़ी.तीनों चरणों की गहन जाँच करे #ED
— Saryu Roy (@roysaryu) May 8, 2023
जेएसबीसीएल प्रबंधन ने दावों को बताया निराधार
दरअसल यह सारे दावे सरयू राय के द्वारा अपने ट्विट में किया गया है, जिसके बाद अचानक से झारखंड में भी एक शराब घोटाला की चर्चा होने लगी. हालांकि जेएसबीसीएल प्रबंधन की ओर से मामले की जांच की बात कही गयी है. लेकिन इसके साथ ही इस आरोप को निराधार भी बताया गया है.
जेएसबीसीएल के खातों की एक बार फिर से होगी जांच
सरयू राय के ट्विट के बाद इसका जवाब देने जेएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक सह आयुक्त उत्पाद कर्ण सत्यार्थी आयें और उन्होने कहा कि वर्ष 2023 में महालेखाकार ने जेएसबीसीएल के अकाउंट्स का ऑडिट किया है, लेकिन किसी प्रकार की गड़बड़ी की कोई जानकारी अब तक नहीं दी गयी है. लेकिन जब इस तरह के दावे किये जा रहे हैं तब एक बार फिर से जेएसबीसीएल के खातों की जांच की जायेगी. साथ ही यदि जांच में कोई गड़बड़ी पायी जाती है, तब निश्चित रुप से कार्रवाई भी होगी.
झारखंड हाईकोर्ट में लंबित है याचिका
ध्यान रहे कि सरयू राय का आरोप इसलिए भी गंभीर है कि क्योंकि अधिवक्ता राजीव कुमार के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर झारखंड में भी शराब घोटाले का दावा किया गया है, हालांकि अभी तक उस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई है, लेकिन इस बीच छत्तीसगढ़ शराब घोटाला को लेकर ईडी की की ओर से उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और आयुक्त उत्पाद कर्ण सत्यार्थी पूछताछ भी की गयी है.
वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाया गया था
याद रहे कि झारखंड में शराब की बिक्री और गुणवता पूर्ण शराब की उपलब्धता करवाने के लिए वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाया गया था. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की परामर्शी संस्था को ही झारखंड में परामर्शी बनाया गया था, लेकिन दावा यह किया जाता है कि यह प्रयोग असफल रहा और राज्य को राजस्व की भारी हानि पहुंची.
कर्ण सत्यार्थी और विनय चौबे से हो चुकी है पूछताछ
साथ ही अब छत्तीसगढ़ से ही शराब घोटाला की खबरें सामने आ रही है, उसी मामले में ईडी की ओर से कर्ण सत्यार्थी और विनय चौबे से पूछताछ भी हो चुकी है, और अब जेएसबीसीएल के खाते से 52 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के दावे किये जा रहे हैं. मामला कुछ गंभीर होता दिख रहा है. देखना होगा कि सरयू राय के दावों में कितनी सच्चाई है. फिलहाल इस मामले में जांच की बात कही जा रही है.