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आदिवासियों को मजदूर समझने वाले सामंतों के खिलाफ जंग-ए-एलान, सीएम हेमंत की हुंकार सिर्फ दर्री उठाना, बिछाना हमारा काम नहीं

आदिवासियों को मजदूर समझने वाले सामंतों के खिलाफ जंग-ए-एलान, सीएम हेमंत की हुंकार सिर्फ दर्री उठाना, बिछाना हमारा काम नहीं

Ranchi-डुमरी में जीत का परचम लहराने के बाद अचानक से सीएम हेमंत के बॉडी लैंग्वेज में बदलाव देखने को मिल रहा है. उनकी भाषा और तेवर बदला नजर आ रहा है. वह पूरी ताकत के साथ भाजपा के खिलाफ हमलावर नजर आने लगे हैं. इसी तेवर के साथ उन्होंने कहा कि मखमल के खाट पर सोने वालों को लोगों ने पत्थर पर पटक दिया. कहते फिरते थें कि हमने खान लूटा, नदी लूटा, जंगल लूटा, किसी भी खदान में जाओ और देखो वहां हेमंत सोरेन और उसके परिवार का कोई है क्या, आज सब को इस बात की जानकारी है कि खदान की लूट किसके इशारे पर हो रही है. और लूट का पैसा किसकी तिजोरी में जा रहा है. इस सच्चाई को झारखंड का बच्चा बच्चा जानता है कि झारखंड के लूटेरे कौन है, और किनके खिलाफ हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी. हमारा कुसूर सिर्फ इतना है कि हमने उन सामंती ताकतों के खिलाफ जंग का एलान कर दिया जो यह मान बैठे थें कि आदिवासी-मूलवासी, दलित-पिछड़े और अल्पसंख्यकों का काम सिर्फ उनका दरी उठाना है, उनकी चाकरी करना है, यही कारण है कि हमारी सरकार को बनने के पहले ही सरकार को गिराने का खेल शुरु हो गया. एक आदिवासी को झारखंड की कुर्सी पर बैठने ही इन राजनीतिक सामंतों के पेट में दर्द होने लगा. लेकिन डुमरी की जनता ने इसका उपचार कर दिया और उन्हे मखमल से उठा कर पत्थर पर पटक दिया.

देश की आजादी के 75 साल के बाद भी ये लोग इस सोच से बाहर नहीं निकले हैं, आज के दिन ईडी और सीबीआई और दूसरे केन्द्रीय एजेंसियां काम में लगी हुई है. लेकिन तमाम तिकड़मों के बाद भी आज हमारी सरकार बची हुई है तो सिर्फ आदिवासी मूलवासियों की असीम कृपा सें.

विकास को राजधानी से गांव कस्बा तक ले गया

तीन साल की इस सरकार ने विकास की दर्जनों योजनाओं की शुरुआत की, वह विकास जो पहले सिर्फ राजधानी में दौड़ा करता था, उसे हमने गांव-कस्बों तक पहुंचाया, दलित-आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को इसका भागीदार बनाया. स्कूलों की दिशा और दशा बदलने की शुरुआत की गयी, मॉडल स्कूलों को खोला गया, हमारे बच्चें भी अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर सके, इसके लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की गयी, जिन अंग्रेजों ने कभी हम पर शासन किया था. जिसके खिलाफ हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी थी, हमने दलित आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के बच्चों को उन अंग्रेजों के बच्चों के साथ पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा, यही हमारा कुसूर है.

हर मानकी मुंडा को सरकार की ओर से एक मोटरसाइकिल

मानकी मुंडा यही हमारे मुख्यमंत्री हैं, उनका सम्मान ही हमारा सम्मान है. हमारी सरकार सभी मानकी मुंडाओं को हमारी सरकार मोटरसाइकिल दिया जायेगा. हमसे पहले झारखंड में डबल इंजन की सरकार थी, उसी सरकार में इस राज्य को डबल हाथों से लूटा गया. लेकिन जैसे ही हमने यहां की सरकार को हटाया, गरीबों का आवास बंद कर दिया गया, जिसके बाद हमारी सरकार ने अबुआ आवास देने का एलान किया.

बीस वर्ष की गंदगी को साफ करने में कुछ वक्त और लगेगा

यह एक सच्चाई है कि यदि 2019 जेएमएम की सरकार नहीं बनती तो आदिवासी-मूलवासियों के लिए शासन के दरवाजे सदा के लिए बंद हो चुके थें. लेकिन एन वक्त पर हमारी इंट्री हुई और आज आदिवासी -मूलवासियों को सामने रख कर नीतियों का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन 20 साल की गंदगी को इस तीन साल में साफ नहीं किया जा सकता, अभी भाजपा की फैलाई हुई गंदगी को साफ करने में लम्बा वक्त लगेगा.

Published at:09 Sep 2023 05:13 PM (IST)
Tags:cm Hemant bjp dumair by election jharkhand ranchi bjp
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