TNPDESK- क्या पूरी दुनिया का दुःस्वप्न कोरोना की एक बार फिर से वापसी होने वाली है, क्या हमारा जीवन एक बार फिर से अस्त-व्यस्त होने वाला है, क्या एक बार फिर से हमें गंगा की कलकल धारा में बहती लाशों को देखना होगा. यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि अब तक जिसे हम कोरोना को सबसे खतरनाक XBB 1.5 वैरिएंट मान रहे थें, अब उससे भी की गुणा खतरनाक वैरिएंट-BA.2.86 सामने आ चुका है, और इसके कारण संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर यूनाइटेड किंगडम और इजराइल तक खलबली मची हुई है.
दावा किया जा रहा है कि कोरोना के इस रुप पर हमारी वैक्सीन का कोई असर नहीं है. यानि जिस टीके को हम अपना सुरक्षा कवच मान कर शांति की नींद सो रहे थें, वह टीका अब बेअसर होने वाला है. इस बीच इस नये वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अपनी चिंता जता चुका है, और इसकी घातकता को जानने-समझने के लिए कोविड-19 रिपोर्टिंग की जरुरत को रेखांकित किया है.
चार देशों में मिले इसके मामले
अब तक की जानकारी के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, इज़राइल में इसके एक एक मामले और डेनमार्क में तीन मामले सामने आ चुके हैं. जिसके बाद पूरे दुनिया के वैज्ञानिकों की निगाह इस पर बनी हुई है. इस बीच यूएस सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन ने भी लोगों से पहले की ही तरह सतर्कता और सावधानी बरते का अलर्ट जारी किया है.
भारत में भी कोरोना के मामले में वृद्धि
इस बीच भारत में भी कोरोना के सक्रिय मामलों में वृद्धि देखी गयी है, पिछले 24 घटों में कोरोना के 72 नये मामले सामने आये हैं. और सक्रिय मामलों की संख्या 1452 तक पहुंच गयी है. इससे पहले 18 अगस्त को 50 नए मामले सामने आए थे, जबकि 17 अगस्त को 33 नए मरीज मिले थे, जबकि 01 नवंबर 2022 को 1,046 नए मामले सामने आए थें. यदि हम वैश्विक स्तर की बात करें तो पिछले सात दिनों में 2.96 लाख मामले सामने आये हैं. जबकि 265 लोगों की मौत हुई है.
टला नहीं है कोरोना का खतरा
साफ है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, और आज भी हमें सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता बरतने की बेहद जरुरत है, और खास कर यह देखते हुए कि दुनिया के कई देशों में इसके घाटक वैरिएंट सामने आ रहे हैं, इसकी जरुरत और भी बढ़ जाती है.