Ranchi-रुपा तिर्की मामले और संताल परगना खनन घोटाले में एक सदस्यीय आयोग का नेतृत्व कर चुके जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता के नेतृत्व में सरकार ने एक बार फिर से एक और एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है. कार्मिक विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस आयोग का गठन झारखंड के एक लोकसेवक लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए किया गया है, हालांकि अधिसूचना में उस अधिकारी नाम का जिक्र नहीं है. लेकिन कहा गया है कि एक वीडियो क्लिप के माध्यम से एक महत्वपूर्ण पद पर आसीन एक लोकसेवक के खिलाफ पद के दुरुपयोग के आरोप लगाये गये हैं, यह आयोग उस मामले से जुड़े सभी आरोपों की जांच कर अपना रिपोर्ट पेश करेगा. इसके लिए आयोग के अध्यक्ष को प्रतिमाह तीन लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा.
फिर से चर्चा में आये राजीव अरुण एक्का
हालांकि इस अधिसूचना में किसी अधिकारी का जिक्र नहीं है, लेकिन अधिसूचना जारी होते ही राजीव अरुण एक्का एक बार फिर से चर्चा के केन्द्र में आ गये हैं, और माना जा रहा है कि इस आयोग का गठन राजीव अरुण एक्का से जुड़े मामले की जांच के लिए ही की गयी है, क्योंकि भाजपा ने राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो क्लिप जारी किया था, जिसमें वह सत्ता के गलियारें लाइजनर की पहचान बना चुके विशाल चौधऱी के निजी कार्यालय में बैठकर सरकारी फाइलों का निष्पादन करते हुए दिखलाई पड़ रहे हैं, इस वीडियो क्लिप को भाजपा ने ईडी को भी भेजा था, जिसके बाद कई बार ईडी राजीव अरुण एक्का को पूछताछ के लिए कई बार अपना कार्यालय बुला चुकी है. हालांकि अपनी पूछताछ में ईडी किस नतीजे पर पहुंची अब तक इसकी कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन पिछले कुछ दिनो से यह मामला शांत पड़ता दिख रहा था, लेकिन इस अधिसूचना जारी के बाद एक बार उनका नाम सुर्खियों में आ गया है.