रांची (TNP Desk) : अब से कुछ घंटों बाद चंपाई सरकार का मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. करीब शाम चार बजे राजभवन के बिरसा मंडप में शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा. वहीं राजभवन सचिवालय की ओर से माननीय को मंत्री बनने का न्यौता मिल गया है. अभी तक जो जानकारी सामने आयी है वो ये है कि झामुमो कोटे से तीन नए चेहरों को शामिल गया है. जिसमें दीपक बिरुआ, बैद्यनाथ राम और बसंत सोरेन का नाम शामिल है. इसके अलावा मिथिलेश ठाकुर और बेबी देवी मंत्री के रूप में शपथ लेंगी. बताया जाता है कि नई कैबिनेट में 12वें मंत्री के रूप में बैद्यनाथ राम शपथ लेंगे. वहीं कांग्रेस ने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है.
नाराजगी से झारखंड कांग्रेस में होगी बड़ी टूट!
झारखंड कांग्रेस से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने नए मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों पर भरोसा जताकर कुछ विधायकों में नाराजगी चल रही है. करीब कांग्रेस के 12 विधायक हैं जो मंत्री बनने की इच्छा जताई है लेकिन उन 12 विधायकों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. नाराज विधायकों ने झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से शिकायत दर्ज करवाया है. कहा तो ये भी जा रहा है कि नाराज विधायक शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं होंगे. सभी नाराज विधायक दिल्ली जायेंगे और आलाकमान से इसकी शिकायत करेंगे. बता दें कि अगर विधायकों की नाराजगी दूर नहीं हुई तो कांग्रेस में बड़ी टूट हो सकती है. इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधायक सरकार से समर्थन भी वापस लेने के बारे में सोच रहे हैं. अगर ऐसा हो जाता है तो सरकार गिर जायेगी. जिससे सिर्फ कांग्रेस को ही नहीं झामुमो को भी बड़ा नुकसान होगा, और इसका फायदा बीजेपी को मिल जाएगा.
मंत्रिमंडल विस्तार में कहीं कांग्रेस का नहीं जल जाए घर
मंत्रिमंडल विस्तार की सूची जो राजभवन भेज गई है उसके अनुसार झामुमो ने कुछ नए चेहरों पर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस ने पुराने चेहरों पर दांव खेला. लेकिन ऐसा लग रहा है कि ये दांव पार्टी पर भारी पड़ सकता है. कांग्रेस से रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाकर अपने ही घर में पार्टी ने आग लगा ली है. आग की लपटें इतनी तेज हो जाएगी जिसकी चपेट में पूरी पार्टी ही जलकर भस्म हो जाएगी. अब देखना होगा कि ये आग कब बुझेगी या इसका लौ जलता रहेगा. क्योंकि आने वाले कुछ समय बाद लोकसभा चुनाव भी होना है इसके बाद झारखंड विधानसभा चुनाव भी होगा. पार्टी के लिए मंत्रिमंडल विस्तार से पहले डैमेज कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है.
विधायकों के नब्ज पहचानने में फेल हो गए प्रभारी और अध्यक्ष
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर विधायकों के नब्ज पहचानने में फेल हो गए. क्योंकि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. तब से लेकर अब तक कांग्रेस के पास अपने विधायकों की नाराजगी को दूर करने के लिए 14 दिनों का समय था. तो सवाल उठता है कि इन 14 दिनों में अपने विधायकों की नाराजगी को क्यों नहीं दूर किया. जबकि इसके बारे में कांग्रेस प्रभारी और अध्यक्ष को जानकारी थी. अब जब कुछ समय बाद मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होना है तो उससे पहले ही पार्टी के 12 विधायक नाराज हो गए. ऐसे में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी से चंपाई सरकार की फजीहत होगी और विपक्ष को एक मौका मिला जाएगा.