रांची (TNP Desk) : चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल का आज विस्तार हो गया. राजभवन के बिरसा मंडप में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. झामुमो कोटे से बसंत सोरेन, दीपक बिरुआ, मिथिलेश ठाकुर, हफिजुल हसन और बेबी देवी ने मंत्री पद की शपथ ली. जबकि कांग्रेस कोटे से रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल ने पद और गोपननीयता की शपथ ली. कुल आठ विधायकों ने शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली. वहीं शपथ ग्रहण समारोह में अंतिम समय में बैद्यनाथ राम के साथ खेला हो गया. कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के कारण बैद्यनाथ राम 12वें मंत्री के रूप में बनने से चुक गये. चंपाई सरकार ने अंतिम समय में बैद्यनाथ राम का पत्ता काट दिया. लातेहार विधायक को मंत्री पद नहीं मिलने से उनके समर्थकों ने नाराजगी जताई है. इससे पहले झामुमो ने उनका नाम मंत्रिमंडल में शामिल करने का एलान किया था.
बता दें कि झारखंड में इससे पहले भी एक बार हो चुका हे. जब हेमंत सरकार बनी थी तब कहा जा रहा था कि दीपक बिरुआ मंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन अंतिम समय में वे भी मंत्री बनने से चुक गए थे. इस बार दीपक बिरुआ को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
कांग्रेस विधायक ने बैद्यनाथ राम के साथ कर दिया खेला
मंत्रिमंडल का विस्तार होने से पहले सभी विधायक राजभवन पहुंचे थे. लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम भी अपने परिवार के साथ राजभवन पहुंचे थे. उनके चेहरे काफी खुशी देखी जा रही थी. वहीं परिवार और समर्थकों में भी खुशियों की लहर थी. लेकिन कांग्रेस विधायकों की नाराजगी ने उनके और समर्थकों की खुशियां छीन ली, और वे मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाए.
आलाकमान से शिकायत करेंगे नाराज कांग्रेस विधायक
बता दें कि शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस के करीब 12 विधायक नाराज हो गए थे. इन विधायकों का कहना था कि पुराने को क्यों नए को क्यों नहीं मंत्रिमंडल में शामिल कर रहे हैं. सभी नाराज विधायकों ने पार्टी के आलाकमान से शिकायत करने की बात कही है. विधायकों की इस नाराजगी ने कांग्रेस की फजीहत भी कराई. मामला बढ़ता देख झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, मंत्री आलमगीर आलम, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने नाराज विधायकों के साथ बैठक की और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने को कहा. उसके बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने मीडिया को बताया कि मंत्री नहीं बनने की विधायकों में नाराजगी नहीं है. दिक्कत ये है कि जो विधायक अपने क्षेत्र से आते हैं उस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को दूर करना है. जो पार्टी उनकी बातों को मान लिया है. इससे पहले पार्टी के 12 विधायकों ने अलग से बैठक की. बैठक में विधायकों ने क्या निर्णय लिया है वो अभी तक सामने नहीं आया है. लेकिन इस बैठक से ऐसा लगता है कि आने वाले समय में झारखंड कांग्रेस में बड़ी टूट हो सकती है.