रांची(RANCHI)-सीएम हेमंत आज शाम तक बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे, जहां वह विपक्षी एकता की बैठक में हिस्सा लेगें, इसकी शुरुआत 17 जुलाई को कांग्रेस की ओर से दी जा रही रात्रिभोज के साथ ही होगी. अब तक की मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व सीएम लालू यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ ही AAP, DMK, TMC, CPI, CPM, CPI (ML), PDP, मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ), और केरल कांग्रेस (मणि आदि करीबन 24 दलों के नेताओं की भागीदारी होगी. पच्छिम बंगला की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बैठक का हिस्सा होगी, हालांकि उनकी शिरकत रात्रि भोज में नहीं होगी.
18 जुलाई को किया जायेगा संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस
बताया जा रहा है कि 18 जुलाई को करीबन 11 बजे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में बैठक की शुरुआत होगी, और अंत में सभी दलों के नेताओं की ओर से संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस का आयोजन किया जायेगा.
राष्ट्रीय संयोजक की हो सकती है घोषणा
पटना बैठक के बाद बेंगलुरु की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, माना जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी दलों के इस बनैर को कोई नाम देने के साथ ही इसके संयोजक की भी घोषणा की जा सकती है. विपक्षी दलों की कोशिश भाजपा के मुकाबले संयुक्त उम्मीवार देने की होगी, हालांकि कई राज्यों में फ्रेंडली मुकाबला भी देखने को मिल सकता है. दावा किया जा रहा है कि फ्रेंडली मुकाबला भी विपक्षी दलों की एक रणनीति होगी, ताकि मुख्य मुकाबले से भाजपा को बाहर रखा जा सके, वहीं चर्चा इस बात की भी है कि अभी कई दल जो विपक्षी दलों से दूरी बनाने की कोशिश में हैं, जल्द ही इसका हिस्सा बन सकते हैं, यदि यह संभव हुआ तो विपक्षी दलों की यह संख्या 30 पार कर सकती है.
झारखंड की 14 सीटों पर भी हो सकती है चर्चा
इस बीच खबर यह भी है कि कांग्रेस की कोशिश सीएम हेमंत से झारखंड के संदर्भ में भी बात करने की होगी. ध्यान रहे कि कांग्रेस इस बार झारखंड में 9 सीटों से अधिक की मांग कर रही है, इधर झामुमो की कोशिश भी अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की है, फिलहाल 14 संसदीय सीटों वाली झारखंड में कांग्रेस से एक और झामुमो से एक सदस्य है, दोनों ही दलों की कोशिश अपनी संख्या बढ़ाने की है, यही कारण है कि झामुमो पिछली बार की 9 सीटों से कम सीटों पर कांग्रेस को निपटाना चाहती है.