Ranchi- राजधानी रांची के स्थित मोरहाबादी फूटबॉल स्टेडियम में 24 जिलों के कुल 827 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए सीएम हेमंत ने नवनियुक्त शिक्षकों से अपने लाज और स्वाभिमान की रक्षा करने की गुहार लगाई, उन्होंने कहा आज के बाद आपके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गयी है. हमारे नौनिहालों का भविष्य अब आपके हाथों में हैं, ऐसा कोई काम नहीं करना जिससे हमारी लाज का बट्टा लगें. यह सत्य है कि इस नियुक्ति पत्र के लिए आपको लम्बा संघर्ष करना पड़ा, लेकिन हमारे लिए भी यह राह आसान नहीं थी, पिछले बीस वर्षों में हुक्मरानों ने झारखंड का जो हाल कर दिया है, उसमें गरीबों –वचिंतों, आदिवासी-मूलवासी और नौजवानों के लिए कुछ भी करना शेर के मुंह से निवाला छिनने के जैसा है, लेकिन हमने अपना वचन निभाया, और आखिरकार यह नियुक्ति पत्र आपके हाथ में हैं. आज के बाद यह आपकी जिम्मेवारी है कि आप अपने कर्तव्य पालन में लग जायें.
झारखंड के लोग काफी भोले भाले हैं, अपनी बेबसी और पीड़ा का भी इजहार नहीं करते
नव नियुक्त शिक्षकों और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि हमारे राज्य के लोग काफी भोले भाले हैं, वह बहुत कम बोलते हैं, वह अपनी पीड़ा और दर्द का भी इजहार नहीं करतें. और इसकी का लाभ कुछ लोग उठाते हैं, जिनका काम सिर्फ समाज में नफरत फैलाना है, लोगों का बांटना है, लेकिन हमें इससे लड़ना होगा. उनका मुकाबला करना होगा और यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, पूरा समाज को इस लड़ाई का साथ देना होगा.
हमारा काम सिर्फ रास्ता दिखलाना, लेकिन संघर्ष तो युवाओं को ही करना होगा
खास तौर पर युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा काम सिर्फ रास्ता दिखलाना है, आपकी सामने खड़ी चुनौतियों और बाधाओं को दूर करना है, लेकिन उस रास्ते पर चलना आपको ही है. जिस दिन आप ठान लेंगे कुछ भी असंभव नहीं है.
संकेतों ही संकेतों में बड़ा हमला कर गये सीएम हेमंत
संकेतों ही संकेतों में सीएम हेमंत ने इस बात का भी इजहार किया कि उनको कई तरह के मामले में फंसाने की साजिश रची जा रही है, लेकिन उन्होंने इस बात का विश्वास भी दिलाया कि वह टूटने वाले इंसान ही हैं, जिस परिवार से वह आते हैं, उस परिवार का संघर्ष का लम्बा इतिहास रहा है, और वह हार जायें इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जिस जेपीएससी नियुक्ति नियमावली को पिछले बीस साल से टरकया जा रहा था, हमारी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर उसका निर्माण करवाया, जिसके कारण आज लोगों को नियुक्तियां मिल रही है. मजदूर के बेटे से लेकर सेविका सहायिका के बेटे सरकारी नौकरी हासिल कर रहे हैं. लेकिन यह सब कुछ इतना आसान नहीं था, हमारे विरोधियों ने कदम कदम पर हमारे सामने कांटे बिछाये और हमें हर दिन उन कांटों से गुजरना पड़ा.