RANCHI- झारखंड की सियासी फिजा पूरी तरह से चुनावमय होता नजर आने लगा है. हालांकि औपचारिक रुप से 2024 के जंग में अभी करीबन आठ महीनों की देरी है, लेकिन इस महाजंग की अनुगूंज सुनाई पड़ने लगी है. एक तरफ सोहराई भवन में अपने कार्यकर्ताओं में जोश का संचार करते हुए सीएम हेमंत ने इस बात का दावा किया है कि दलदली जमीन पर खड़ी होकर भाजपा जंगे मैदान में कूदने की तैयारी कर रही है. उधार की फौज और बुझे बारुदों से हमारे रणबांकुरों के शौर्य का का परीक्षा लेना चाह रही है.
इस लड़ाई से हमारे युवाओं का सपना और किसानों का भविष्य तय होने वाला है
सीएम हेमंत ने कार्यकर्ताओं से किसी भी वक्त चुनावी दंगल में उतरने को तैयार रहने को कहा, सीएम हेमंत ने दावा किया कि इस लड़ाई का परिणाम ही तय करने वाला है कि भारत का भविष्य और झारखंड के सपनों का क्या होने वाला है, युवाओं का भविष्य, किसानों की खेती और श्रमिकों का सपना दांव है, आदिवासी-मलूवासी, दलित-पिछड़े और अल्पसंख्यकों का भविष्य तय होना है. और हमें हर कीमत पर इस लड़ाई को जीतना है.
छल-प्रपंच और फरेब का तीर लिए दुश्मन खड़ा है
कार्यकर्ताओं को ललकारते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि सामने छल-प्रपंच और फरेब का तीर लिए दुश्मन खड़ा है, हमें उसकी काट खोजनी है, इसलिए बेहद जरुरी है कि हमारे कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया को बेहतर तरीके से हैंडल करना सीखें, क्योंकि यह लड़ाई आमने सामने की नहीं होकर प्रोपंगडा और विज्ञापनों की शक्ल में होगी. इस प्रचार प्रसार में मजदूरों, किसानों और नौकरीपेशा लोगों की गाढ़ी कमाई को एक पार्टी के प्रचार प्रसार में खपाया जायेगा. विज्ञापनों की चकाचौंध में हमारे सपनों को बंधक बनाने की साजिश की जायेगी, उनकी प्राथमिकता में युवाओं के लिए रोजगार, किसानों के खेत के लिए पानी और दलित आदिवासियों का सम्मान नहीं है, पूंजी की ताकत से वह सब कुछ लूटना चाहते हैं, लूटने पर उतारु हैं, और पूरा मीडिया उनका ही गीत गाता नजर आयेगा, आपकी की लड़ाई और संघर्ष को कमतर दिखलाने की साजिश की जायेगी, लेकिन यही चुनौती हमारी ताकत की अग्नि परीक्षा हैं, हमें हर कीमत पर इससे जीतना होगा. और वह भी बेहद कम संसाधनों और सीमित प्रचार प्रसार के साधनों के साथ.
पीएम मोदी को अपनी हार सामने खड़ा दिखलाई पड़ रहा है
सीएम हेमंत ने दावा किया कि भाजपा को अपनी हार सामने खड़ी दिखलाई देने लगी है. उन्हें इस बात का भान हो चुका है कि वह एक हारी हुई लड़ाई को लड़ रहे हैं, यही कारण है कि अब सेना के जवानों को अपने प्रचार प्रसार में उतारा जा रहा है, चुनावी लड़ाई में उनकी इंट्री करवायी जा रही है. अब हमारी वीर सेना किसी खास पार्टी के पक्ष में हवा बनाती नजर आयेगी, यही इस समय का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है.
खूंटी से पीएम मोदी भी खोलेंगे मोर्चा
लेकिन यह कहानी का एक पक्ष है, यदि सीएम हेमंत भाजपा की सियासी जमीन को दलदली बताकर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कवायद कर रहे हैं तो दूसरी ओर इस सियासी अखाड़े में खुद पीएम मोदी भी मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं. और इसकी शुरुआत 15 नवंबर को भगवान बिरसा की जन्मभूमि खूंटी के उलिहातू से होने वाली है. दरअसल पीएम मोदी इसी दिन विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरि झंडी दिखलाने वाले हैं. इस यात्रा का मकसद मोदी सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाना है, दावा किया जाता है कि इस यात्रा में 2.55 लाख ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों के 18000 हजार स्थानों पर प्रचार वाहनों को रवाना किया जायेगा.
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गांव गरीब और किसानों के लिए केन्द्र की चिंता को सामने लायेंगे यह प्रचार वाहन
हालांकि दावा घोषित रुप से इस योजना का उद्देश्य उन समूहों तक पहुंच बनाने की है, जहां तक सरकारी योजनाओं की पहुंच हुई है, जिन्हे केन्द्र की योजनाओं से लाभान्वित किया गया है. इस प्रचार वाहनों पर किसान क्रेडिट कार्ड, ग्रामीण आवास योजना, उज्जवल योजना और दूसरी केन्द्रीय योजनाओं की जानकारी दी जायेगी, यह बताने की कोशिश की जायेगी कि केन्द्र सरकार गांव गरीब और किसानों के लिए कितनी फिक्रमंद है.
इस प्रचार का सियासत से कोई वास्ता नहीं होने का दावा
साफ है इस योजना के माध्यम से केन्द्र सरकार की कोशिश अपनी उपलब्धियों को जमीन तक पहुंचाने की है, लेकिन बावजूद इसके दावा किया जा रहा कि इस प्रचार कोई राजनीतिक मकसद नहीं है. और यहीं से यह पूरी योजना विवादों के केन्द्र मे आती हुई दिख रही है. इसका मुख्य विरोध सेना के जवानों को प्रचार में उतारने के कारण हो रहा है. और यही कारण है कि सीएम हेमंत इसे भाजपा और पीएम मोदी की हताशा करार देते हुए यह दावा कर रहे हैं कि दलदली जमीन पर खड़ी भाजपा 2024 फतह का दुस्वपन देख रही है.