पलामू(PALAMU): अब तक देश में किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति हुई है. लेकिन सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार विभिन्न योजना के तहत उन्हे फायदा देने का काम कर रहे है. इसी कड़ी में सीएम हेमंत सोरेन ने पलामू में राज्य का सातवां अत्याधुनिक डेयरी प्लांट राज्यवासियों को समर्पित किया. इस प्लांट के खुलने से किसानों को फायदा होगा.मालूम हो की झारखंड सरकार किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति लीटर तीन रुपये देती है.इस दौरान सीएम ने कहा कि यह डेयरी यहां के किसानों - पशुपालकों के जीवन में बदलाव लाने में वरदान साबित होगा.
किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकें
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकें. इनकी आमदनी में इजाफा हो. ये बेहतर तरीके से जीवन यापन कर सकें. इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रही है. उन्होंने किसानों पशुपालकों से कहा कि आप सरकार की योजनाओं से जुड़कर इसका लाभ ले और राज्य को भी मजबूती देने में योगदान करें. आप एक कदम आगे बढ़ेंगे तो सरकार आपको चार कदम आगे बढ़कर सहयोग करेगी.
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही चुनौतियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हो रहे जलवायु परिवर्तन से हमारी चुनौतियां भी बढ़ रही है. इसका इससे सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हो रहे हैं . मौसम में आ रहे इस बदलाव से कहीं बाढ़ आ रहा है तो कहीं सुखाड़ की स्थिति पैदा हो रही है. इस वजह से फसल उत्पादन प्रभावित हो रही है. अगर हम अभी सचेत नहीं हुए तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने की लिए तैयार रहना होगा. ऐसे में वैकल्पिक खेती और इससे जुड़े अन्य कार्यों की दिशा में आगे आगे आना होगा . इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं भी शुरू की है . आप इस योजनाओं से जुड़े और खुद को जलवायु परिवर्तन के बीच खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएं.
बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ लें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम में जिस तरह की अनिश्चिता बनी रहती है , उसको देखते हुए सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की है. किसान इस योजना से जुडें और अपनी जमीन में विभिन्न प्रकार के फलदार पेड़ लगाएं. इसके लिए सरकार की ओर से आपको पेड़ लगाने के साथ पेड़ बचाने के लिए भी सरकार आर्थिक मदद कर रही है. इस योजना का लाभ लेकर आप कृषि के साथ-साथ फलों से भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
पशुधन को दे रहे हैं बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में किसानों के लिए पशु काफी मायने रखती है . ऐसे में किसानों को पशुधन से समृद्ध करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री पशुधन योजना शुरू की है . इसके तहत 90 प्रतिशत सब्सिडी पर किसानों- पशुपालकों को पशु दिए जा रहे हैं . इतना ही नहीं, पशु शेड के लिए भी सरकार आर्थिक मदद कर रही है. इस योजना का मकसद किसानों को पशुपालन से जोड़कर उनकी आय को बढ़ाना है.
दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने किसानों पशुपालकों को कहा कि सरकार डेयरी प्लांट खोल सकती है , लेकिन इसे चलाने का जिम्मा आपका है . आप जितना ज्यादा दूध इस प्लांट को उपलब्ध कराएंगे , उतना ही ज्यादा दुग्ध और दुग्ध उत्पाद यहाँ तैयार होंगे. इससे ना सिर्फ यह डेयरी प्लांट मजबूत होगा, बल्कि आपकी भी आमदनी बढ़ेगी . उन्होंने कहा की जरूरत पड़ी तो यहां और भी डेयरी प्लांट स्थापित किए जाएंगे.
वन उपजों को बाजार उपलब्ध कराएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और वन उपजों की दृष्टिकोण से झारखंड काफी समृद्ध है. ऐसे में यहां के वन उपजों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है .इस दिशा में सिदो कान्हू कृषि एवं वनोपज फेडरेशन गठन किया गया है. इसके जरिए कृषि और वन उपज को बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा तथा इसका एमएसपी भी तय होगा. इसके माध्यम से किसानों को अपने इन उत्पादों का उचित मूल्य मिल सकेगा.
पशुपालकों को दूध पर 3 रुपए प्रति लीटर दी जा रही प्रोत्साहन राशि
मालूम हो की राज्य सरकार के द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को दूध पर तीन रुपए प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसी के तहत यहां के किसानों- पशुपालकों के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में 21 करोड़ 90 लाख रुपए का चेक आज सरकार के द्वारा मेधा डेयरी के एमडी को सौंपा गया.
25 हज़ार किसानों- पशुपालकों कों होगा फायदा
पलामू का मेधा डेयरी प्लांट राज्य का सातवां डेयरी प्लांट है. लगभग 28 करोड रुपए की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक डेयरी प्लांट से लगभग 25 हज़ार किसानों- पशुपालकों को सीधा फायदा होगा. इस डेयरी की वर्तमान में प्रतिदिन 50 हजार लीटर दूध की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की क्षमता होगी, जिसे एक लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकेगा. यहां दूध के स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए चार मिल्क सायलो लगाया गया है. इस डेयरी प्लांट का संचालन झारखंड मिल्क फेडरेशन करेगा.