रांची(RANCHI)- झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने आज सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर हाईकोर्ट के नये भवन का उद्घाटन समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया है. सीएम हेमंत ने इस आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा को इस आमंत्रण के लिए अपना आभार प्रकट किया.
ध्यान रहे कि 24 मई को महामहिम द्रोपदी मुर्मु के हाथों 165 एकड़ में फैले और करीबन 68 एकड़ में निर्मित इस भवन का उद्घाटन होना है. बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट का भवन और उसका परिसर सुप्रीम कोर्ट परिसर से भी बड़ा है, आधुनिक सुख सुविधा और भव्यता में यह सुप्रीम कोर्ट को भी मात दे रहा है. करीबन 550 करोड़ से निर्मित इस भवन में 500 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जिसके माध्यम से यहां की हर गतिविधियों की निगरानी होगी.
1200 अधिवक्ताओं को एक साथ बैठने की व्यवस्था
यहां 1200 अधिवक्ताओं को एक साथ बैठने की व्यवस्था है, साथ ही 25 भव्य और वातानुकूलित कोर्ट रुम भी बनाया गया है. इसी वातानुकूलित कोर्ट में अब मामलों की सुनवाई होगी. खास बात यह है कि इस विशाल परिसर को रोशनी प्रदान करने के लिए बिजली की जरुरत बेहद कम होगी, कोशिश की गयी है कि इस कोर्ट परिसर के सभी विद्धुत जरुरतों को सौर्य उर्जा से पूरा किया जाय.
पूरे परिसर को तीन ब्लॉक में बांटा गया है
इस नवनिर्मित परिसर को तीन ब्लॉक में बांटा गया है, न्यायिक ब्लॉक में दो तले है, पहले तले पर चीफ जस्टिस का कोर्ट होगा, इससे सटा हुआ दूसरे 12 कोर्ट होंगे. जबकि दूसरे तले पर कुल 12 कोर्ट होंगे. इसके साथ ही महाधिवक्ता के चैंबर और चार अपर महाधिवक्ता और 95 सरकारी अधिवक्ताओं का चैंबर होगा.
4436 पौधों से परिसर को हरा भरा रखने की कोशिश
विशाल बिल्डिंगों के साथ ही परिसर को हरा भरा रखने के लिए परिसर में 4436 पौधे लगाये गये हैं. इस कोर्ट परिसर के अन्दर ही पोस्ट औफिस, रेलवे बुंकिग काउंटर, और छोटे-छोटे बच्चों के खेलने के लिए क्रेच है. साथ ही 30 हजार वर्गफीट में लाइब्रेरी हॉल है, जहां पांच लाख से अधिक पुस्तकों को रखा जा सकता है. यदि बात वाहनों की ठहराव की करें तो 2000 वाहन यहां एक साथ पार्क किया जा सकता है.
अब सबों को 24 मई का इंतजार
कुल मिलाकर यह देश का सबसे भव्य कोर्ट परिसर होगा. इसकी सुख सुविधा और भव्यता के आगे सुप्रीम कोर्ट का परिसर भी कहीं नहीं ठहरता. अब सबों को 24 मई का इंतजार है, जिस दिन उनके कर कमलों के द्वारा यह नवनिर्मित भवन देश को सौंपा जायेगा, और यहां से मामले की सुनवाई शुरु होगी.