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उलगुलान से पहले टिकट बंटवारें पर कोहराम! क्या महारैली से दूरी बनाने की तैयारी में है अल्पसंख्यक समाज

उलगुलान से पहले टिकट बंटवारें पर कोहराम! क्या महारैली से दूरी बनाने की तैयारी में  है अल्पसंख्यक समाज

LS POLL 2024-पूर्व सीएम हेमंत की गिरफ्तारी को आदिवासी-मूलवासी समाज के बीच चुनावी संघर्ष का सबसे बड़ा मुद्दा बनाने की रणनीति के साथ झामुमो की ओर से 21 अप्रैल को उलगुलान महारैली का आयोजन किया गया है. रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित होने वाली इस रैली को लेकर तैयारियां पूरे शबाब पर है. इंडिया गठबंधन के सभी विधायकों को इस महारैली को सफल बनाने की जिम्मेवारी सौंपी जा चुकी है. दावा किया जा रहा है कि भीड़ के मामले में अब तक का सारा रिकार्ड टूटने वाला है. लालू-तेजस्वी, अखिलेश, राहुल, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जून खड़गे के साथ ही पूरे देश के विपक्षी नेताओं का जो जमघट लगेगा, उसके बाद झारखंड की पूरी चुनावी फिजा ही एकबारगी बदलती नजर आयेगी. एक ऐसा चुनावी करंट निकलेगा, जिसको पार पाना भाजपा के लिए एक नामुमिकन टास्क होगा. झारखंड के हर कोने से एक सियासी तूफान आता दिखेगा. लेकिन इस महारैली से पहले ही झारखंड में एक कोहराम की स्थिति बनती दिखने लगी है और इसके साथ ही 2024 के मुकाबले के पहले भाजपा इंडिया गठबंधन के अंदर उमड़ते इस संकट पर जश्न मनाती दिख रही है. जिस भाजपा पर अब तक बाहरी प्रत्याशी देने का आरोपो लगता रहा था, अब बदली सियासी परस्थितियों में वही सवाल भाजपा इंडिया गठबंधन के सामने उठा रही है, चतरा में कालीचरण सिंह हो या फिर धनबाद में ढुल्लू महतो वह इन सभी चेहरों को खांटी झारखंडी चेहरा बता कर कांग्रेस से सवाल दाग रही है.

आदिवासी-मूलवासी की इस सियासत में कहां खड़ा है मुस्लिम समाज

लेकिन इससे भी बड़ा संकट अल्पसंख्यक समाज की ओर से आता दिख रहा है, जैसे  ही कांग्रेस की ओर से दूसरी सूची का एलान हुआ, विद्रोह और बगावत की आवाज उठनी तेज गयी, अल्पसंख्यक समाज से जुड़े नेता यह सवाल दागने लगे कि इस सूची में हमारी वह हिस्सेदारी और भागीदारी कहां है, जिसका भरोसा राहुल गांधी दिला रहे थें, क्या झारखंड कांग्रेस राहुल गांधी के सपनों को दफन कर राजेश ठाकुर एक नयी सियासत गढ़ रहे हैं. झारखंड प्रदेश प्रभारी राजेश ठाकुर को भी भाजपा का एजेंट भी बताया गया, इस बात का दावा किया गया कि राजेश ठाकुर नोट के बदले सीट का वितरण कर रहे हैं. अपनी पकड़ और पहुंच का इस्तेमाल कर आलाकमान के सामने झारखंड की जमीनी हकीकत के बारे में भ्रम फैला रहे हैं. बगैर किसी तथ्य के यह बरगालाने की कोशिश कर रहे हैं यदि किसी अल्पसंख्यक को चेहरा बनाया गया तो सामाजिक धुर्वीकरण का खतरा तेज हो सकता है और उसमें इंडिया गठबंधन की संभावनाएं दफन हो सकती है. लेकिन इस बात का क्या गारंटी है जिन चेहरों को सियासी मैदान में उतारा गया है, उनकी जीत हो जायेगी? क्या राजेश ठाकुर  इस बात की गारंटी लेने को तैयार हैं, सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि आखिर झारखंड का 15 फीसदी अल्पसंख्यक समाज को उसका हिस्सा कब और इंसाफ कब मिलेगा?

अल्पसंख्यक समाज के नेताओं का घेराव

इस बीच कई स्थानों से अल्पसंख्यक समाज के नेताओं को घेरने की खबर भी है, सवाल दागा जा रहा है कि कांग्रेस से जुडऩे का क्या लाभ, जो अपने समाज को एक अदद सीट नहीं  दिलवा पायें, उन्हे कांग्रेस के साथ रहकर सिर्फ अपना चेहरा चमकाना है, या फिर समाज की राजनीति करनी है, उसके मुद्दे को सामने लाना और उसका समाधान खोजना है. निश्चित रुप से इंडिया गठबंधन के जुड़े अल्पसंख्यक नेताओं को यह सवाल कांटे की तरह चूभ रहे हैं. और इसी के साथ यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या अल्पसंख्यक समाज 21 अप्रैल को आयोजित इस उलगुलान महारैली में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा? और यदि अल्पसंख्यक समाज के नेताओं की इसमें भागीदारी होती भी है, तो क्या उनके साथ उनका समाज खड़ा होगा, क्या अल्पसंख्यक समाज से आने वाले विधायक उस दिन अपने समर्थकों के साथ रांची कूच करेंगे या फिर महज रस्मी तौर पर विपक्षी नेताओं के साथ अपने चेहरे को दिखाकर इसकी औपचारिका पूरी की जायेगी. और बड़ा सवाल यह भी है कि यदि झारखंड का 15 फीसदी अल्पसंख्यक समाज इससे अपनी दूरी बनाने का फैसला करता है, तो क्या भीड़ पर भी इसका असर पड़ेगा, क्योंकि 15 फीसदी हिस्सा कोई छोटा हिस्सा नहीं है, इसी हिस्से के बूते तो इंडिया गठबंधन की पूरी सियासत चलती है.

समाज अपना फैसला खुद करेगा- जामताड़ा विधायक इरफान

हालांकि जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी कहते हैं कि यदि आमंत्रण मिला तो वह व्यक्तिगत रुप से इस महारैली का हिस्सा होंगे, लेकिन जहां तक अल्पसंख्यक समाज का सवाल है, तो इसका फैसला समाज खुद करेगा. डॉक्टर इरफान के बयान से एक पीड़ा की झलक साफ दिखती है और यही से यह सशंय भी खड़ा होता है कि इस महारैली को सफल बनाने में अल्पसंख्यक समाज की भूमिका क्या और कितनी होगी?

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Published at:18 Apr 2024 04:51 PM (IST)
Tags:Ulgulan Maharally NewsUlgulan Maharally in JharkhandMinority community's anger towards Congress over ticket distributionAnger in Muslim community regarding ticket distributionUlgulan Maharally at Prabhat Tara Maidan on 21st AprilAngry Muslims before Ulgulan MaharallyKalpana Soren took charge of Ulgulan Maharallyulgulan maharallyulgulan rally 2023ulgulan rallyulgulan delistingulgullan rallyulgulan rally ranchiparivartan ulgulan rally in ranchiulgulan adivasiJamtara MLA Irfan Ansari abstained from Ulgulan rallyJamtara MLA Irfan Ansari
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