पटना (PATNA) : बिहार में लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे से पहले इंडिया गठबंधन में बड़ी टूट का आसार दिख रहा है. यहां राजद के द्वारा टिकट बंटवारे से सियासी घमासान छिड़ गया है. इंडिया गठबंधन के नेता ही जुबानी जंग छेड़ दिया है. दरअसल, बिहार में राजद ने प्रत्याशियों की घोषणा करना शुरू कर दिया है. कुछ लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवारों का एलान भी कर दिया है. उन्हीं में से एक औरंगाबाद लोकसभा सीट भी है, जहां राजद ने अपने पार्टी के अभय कुशवाहा को सिंबल दिया है. जबकि यह सीट कांग्रेस की परंपरागत रही है. इसी बात को लेकर गठबंधन में घमासान छिड़ गया है. कांग्रेस ने राजद के द्वारा अभय कुशवाहा को सिंबल दिये जाने पर नाराजगी जताई है और आरजेडी के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है.
राजद ने गठबंधन धर्म का नहीं किया पालन : निखिल कुमार
कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने राजद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि औरंगाबाद सीट से मैं चुनाव लड़ूंगा. यहां हमने पिछले दस साल से काफी मेहनत की है. इस लोकसभा क्षेत्र के हरेक इलाके का हमने दौरा किया है. लोगों से बातचीत की है. हमारे दौरे से लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई है. यहां की जनता भी यही चाहती है कि इस सीट से हम चुनाव लड़े. इस बात की जानकारी आलाकमान भी है. इसके बावजूद राजद ने अपने पार्टी के अभय कुशवाहा को सिंबल दिया है, जिसका मैं विरोध करता हूं. राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है.
निखिल कुमार ने राजद को दी नसीहत
औरंगाबाद सीट से चुनाव लड़ने की दावा कर रहे कांग्रेस नेता निखिल कुमार ने राजद को नसीहत देते हुए कहा कि इस सीट से मैं ही चुनाव लडूंगा, लिहाजा आप अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लें, नहीं तो चुनाव में इसका खामियाजा उठना पड़ेगा. राजद ने बिल्कुल गलत किया है. यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है. औरंगाबाद में कांग्रेस की स्थिति काफी अच्छी है. निखिला कुमार ने उम्मीद जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट कांग्रेस के खाते में आएगी.
2004 में औरंगाबाद से निखिल कुमार चुने गए थे सांसद
बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी निखिल कुमार 2004 में औरंगाबाद से सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2009 और 2014 में भी यहां से निखिल कुमार चुनाव लड़े लेकिन हार गए. 2019 के चुनाव में महागठबंधन के सीट बंटवारे में हम के खाते में चली गई थी. इस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाए. औरंगाबाद सीट से सुशील कुमार सिंह लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. वे 2009 से चुनाव जीतते आ रहे हैं.