Patna- हालांकि अभी 2024 लोकसभा का चुनाव में करीबन एक वर्ष का समय है. लेकिन चुनावी सर्वेक्षणों का दौर शुरु हो चुका है. खासकर इंडिया गठबंधन की बेंगलूरू बैठक के बाद एनडीए और इंडिया की गठबंधन की ताकत को समझने की उत्सुकता बढ़ी है. जिस भाजपा को अब तक अपराजेय मानते हुए यह सवाल उछाला जाता था कि मोदी के सामने कौन? पीएम मोदी की वह छवि अब टूटती नजर आने लगी है. कई राज्यों के चुनावी सर्वेक्षणों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि 2024 की लड़ाई बेहद मुश्किल होने वाली है और भाजपा अपनी पूरी ताकत लगा कर भी 2019 के अपने प्रदर्शन को दुहरा पाने की स्थिति में नहीं है.
40 में से 26 सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत का दावा
कुछ इसी तरह के चुनावी सर्वेक्षण इंडिया टुडे सी वोटर की ओर से आया है. सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि यदि आज बिहार में लोकसभा का चुनाव संपन्न हो जाए तो बिहार की 40 लोकसभा की सीटों में से पूरा एनडीए महज 14 पर सिमट जायेगा. जबकि इसके विपरीत इंडिया गठबंधन के खाते में 26 सीटे जाती दिख रही है. यदि हम इस चुनावी परिणाम को 2019 के परिणाम से जोड़कर देखे तो भाजपा को यहां बड़ा झटका लगता दिख रहा है. इन आंकड़ों से साफ है कि बिहार में सीएम नीतीश और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी की जोड़ी को पसंद किया जा रहा है, और उसे हर तबके का समर्थन मिलता दिख रहा है. ध्यान रहे कि इस समय बिहार में भाजपा के पास 17 सीटें, जबकि जदयू के पास 16, एलजेपी के पास छह और कांग्रेस के पास एक सीट है. इस प्रकार यदि आज भाजपा और उसके सहयोगी महज 14 सीटों पर सिमट जाता है तो इसे राजद और जदयू गठबंधन की बड़ी जीत मानी जायेगी
14 सीटों से और नीचे भी आ सकता है ग्राफ
हालांकि चुनावी विश्लेषकों के द्वारा करीबन-करीबन ऐसी ही भविष्यवाणी पहले सी ही की जा रही थी, और इस बात का दावा किया जा रहा था कि झारखंड-बिहार में भाजपा का प्रर्दशन बेहतर होने वाला नहीं है, इन दोनों राज्यों में भाजपा कई टुकड़ों में बंटी हैं, और यह गुटबाजी लोकसभा का चुनाव के पहले भी विकराल रुप लेने वाली है, यदि वाकई ऐसा ही होता है, लोकसभा चुनाव के ठीक पहले टिकट बंटवारें के सवाल आपसी टकराहट तेज होती है तो 14 सीटों पर जीत के दावे पर भी विचार करना पड़ सकता है.
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