Ranchi-रोजगार और स्वनियोजन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए हेमंत सरकार ने राज्य के 80 प्रखंडों में बिरसा (ब्लाक लेवल इंस्टीट्यूट फॉर रूरल स्किल एक्विजिशन) का शुभारंभ किया है, सरकार का दावा है कि आने वाले तीन वर्षों में राज्य के सभी प्रखंडों में इसकी स्थापना की जायेगी. सरकार की कोशिश मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हे स्वरोजगार से जोड़ना है, ताकि राज्य से पलायन की रफ्तार पर लगाम लगायी जा सके और युवा छोटे-मोटे रोजगार की खोज में दूसरे राज्यों के लिए पलायन को बाध्य नहीं हों.
क्या होगी पात्रता
कोशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा तय की गयी है, हालांकि आरक्षित श्रेणी के युवाओं के लिए उम्र की सीमा 50 वर्ष तक की तय की गयी है. चयनित युवाओं को उनके प्रखंडों में ही संचालित किये जाने वाले (ब्लाक लेवल इंस्टीट्यूट फॉर रूरल स्किल एक्विजिशन) बिरसा में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा.
नियोजन नहीं होने की स्थिति में रोजगार प्रोत्साहन राशि का प्रावधान
बड़ी बात यह है कि यदि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार या स्वनियोजन नहीं हो पाता है, तो उनके सरकार की ओर से एक हजार रुपये का रोजगार प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जायेगा, जबकि दिव्यागों के लिए यह राशि 1500 सौ रुपये की होगी. वैसे छात्र जो अपने अपने घरों से आकर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे उन्हे आने जाने के खर्च के लिए अलग से एक हजार रुपये की राशि भी दी जायेगी. यह सभी राशियां उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया जायेगा, ताकि बिचौलियों की भूमिका को खत्म किया जा सके.
ध्यान रहे कि हेमंत सरकार ने अपने घोषणा पत्र में बेरोगार युवकों के लिए बेरोजगारी भत्ता का वादा किया था, हालांकि उस मामले में अभी तक सरकार कुछ ज्यादा नहीं कर पायी है, लेकिन इस घोषणा को उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है, माना जा रहा है कि सरकार 2024 के पहले युवाओं को इस बात का विश्वास दिलाना चाहती है कि सरकार रोजगार के क्षेत्र में हर संभव प्रयास कर रही है, यही कारण है कि स्वनियोजन और कौशल प्रशिक्षण के साथ ही नियुक्तियों पर भी जोर दिया जा रहा है.