रांची(RANCHI): गैस सिलेंडर के दामों में दो सौ रुपये की कटौती को रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में पीएम मोदी का तोहफा बताने पर झामुमो ने बड़ा पलटवार किया है, इस कटौती पर तंज कसते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि यह तो वही बात हो गयी कि किसी का गला काट कर उसके मृत शरीर में खून चढ़ाने की कोशिश की जाय और फिर अपनी वाहवाही लूटी जाय कि देखो, कितने दरियादिल हैं हम. मणिपुर हो हरियाणा आज कहां हमारी बेटियां दांव पर लगी हुई नहीं है, हर जगह उनका अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है. राज्य के हर कोने से हमारी बहनें आज इंसाफ की गुहार लगा रही है, यदि मणिपुर में हमारी आदिवासी बहनों को नग्न कर सार्वजनिक परेड करवाया जा रहा है, उनका बलात्कार किया जा रहा है तो हमारी पहलवान बेटियां भी इंसाफ की गुहार लगा रही हैं. लेकिन आज भाजपा उन बेटियों के गुनहगार बृजभूषण शरण सिंह के साथ गलबहियां डाले खड़ी है, वह उसके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है.
कितना बदल गये सुदेश, बेबी देवी को मदद करने का वादा निकला झूठा
यह आदिवासी महिला विरोधी चरित्र सिर्फ भाजपा का नहीं है, बल्कि पूरे एनडीए का है. उसमें शामिल सभी घटक दल की मानसिकता ऐसी है, जब टाईगर जगरनाथ महतो की आकस्मिक मौत हुई थी, तब सुदेश महतो ने खूब आंसू बहाये थें और उनकी चिता के सामने खड़ा होकर यह आश्वासन दिया था कि वह उनके परिजनों के साथ खड़ा रहेंगे, लेकिन आज वही सुदेश महतो एक महतो जाति के मंत्री को दारु बेचने वाला बता रहे हैं, उन्हे किसी महिला और वह भी महतो महिला को मंत्री बनना भा नहीं रहा है. लेकिन झारखंड की जनता सब देख रही है और इसका जवाब डुमरी के मैदान से मिलेगा.
सुदेश महतो यह नहीं भूलना चाहिए कि यह जगरनाथ महतो ही थे, जिसने आदिवासी मूलवासियों की ल़ड़ाई लड़ा, पिछड़ों का आरक्षण विस्तार का वादा पूरा करने की दिशा में काम किया, 1932 के खतियान को लागू करने का हौसला दिखलाया, लेकिन आप उस सपूत की पत्नी को दारु बेचने वाली महिला बता रहे हैं.