टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- पिछले तीन महीने से धूं धूं कर जलते मणिपुर की हिंसा पर रोक लगाने में नाकामयाब रहने आरोपों का सामने कर रहे सीएम एन वीरेन सिंह की भूमिका पर अब खुद भाजपा विधायकों के द्वारा ही सवाल खड़े किये जाने लगे हैं, इस बार सामने आये हैं मणिपुर से भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप. पाओलीनलाल हाओकिप ने मणिपुर हिंसा में एन. वीरेन सिंह की भूमिका को रेखांकित करते हुए इस बात का दावा किया है, इस पैमाने पर कोई भी हिंसा राज्य सरकार के सहयोग के बगैर संभव नहीं है, कुकी समुदाय के खिलाफ इस हिंसा में खुद एन वीरेन सिंह की संलिप्ता है, और इसके कारण ही यह हिंसा दिन पर दिन विकराल रुप लेता जा रहा है.
भाजपा विधायक के संगीन आरोप
ध्यान रहे कि खुद कुकी समुदाय से आने वाले पाओलीनलाल उन 10 विधायकों में शामिल थें, जिन्होंने मई के पहले सप्ताह मे ही एन बीरेन सिंह को पत्र लिख कर कुकी समुदाय में तेजी से पनप रहे असंतोष से अवगत करवाया था और उनके लिए अलग से प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की थी. उनका इशारा कुकी बहुल जिलों के लिए एक अलग प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने की थी.
ऑटोनोमस काउन्सिल की मांग
यहां याद रहे कि काफी लम्बे अर्से के कुकियों की ओर से ऑटोनोमस काउन्सिल की मांग की जाती रही है, लेकिन मैतेई समुदाय से आने वाले एन बीरेन सिंह लगातार इस मांग की उपेक्षा कर रहे हैं, उल्टे उनके पर मैतेई समुदाय की ओर से अनुसूचित जन जाति में रखे जाने की मांग का समर्थक बताया जाता है. यही कारण है कि कुकियों के बीच एन बीरेन सिंह को संदेह की नजर देख जाता है और जिसके कारण कुकियों के बीच अलगाववाद की भावना पनप रही है.
मणिपुर होईकोर्ट के फैसले से कुकियों में बढ़ा आक्रोश
एक ओर जहां कुकियों में अलगावाद की भावन पनप रही थी, वहीं दूसरी ओर मणिपुर हाईकोर्ट ने विशाल मैतेई आबादी को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने की संस्तूति कर स्थिति को और भी विकराल बना दिया, जिसके बाद चारों तरफ हिंसा की आग तेज हो गयी, दावा किया जाता है कि मैतेई आबादी की ओर से जारी इस हिंसा को एन बीरेन सिंह का भी मौन और प्रशासनिक समर्थन था. इसी मौन समर्थन के बुते मैतेई बहुल इलाकों में अवस्थित थानों से हथियारों की लूट हुई और ये सारे हथियार मैतेई समुदाय के हाथों में आ गया, और फिर इन्ही हथियारों के बल पर कुकियों के खिलाफ हिंसा का तांडव खड़ा किया गया.