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आदिवासी-मूलवासियों को मिटाने के लिए कृतसंकल्पित है भाजपा! मणिपुर हिंसा पर झामुमो का बयान

आदिवासी-मूलवासियों को मिटाने के लिए कृतसंकल्पित है भाजपा!  मणिपुर हिंसा पर झामुमो का बयान

रांची(RANCHI) मणिपुर हिंसा को आदिवासी-मूलवासियों की मिटाने की भाजपा की साजिश बताते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने तत्काल मणिपुर में राज्य सरकार को बर्खास्त कर तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. मणिपुर हिंसा का पूरा ठिकरा भाजपा पर फोड़ते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर में हिंसा पर नियंत्रण के लिए जिस असम राइफल्स की टुकड़ी को तैनात किया गया है, उसका हेड मैतेई समुदाय से है. और यह जानते हुए भी उसकी तैनाती की गयी है, उसी के नेतृत्व में मणिपुर में आदिवासियों का सफाया किया जा रहा है, अब तक 85 आदिवासी गांव इस हिंसा में जल चुके हैं, बावजूद इसके भाजपा राज्य सरकार को बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है, आखिर वह कब तक मणिपुर को इस हिंसा में जलाना चाहती है, जबकि आज सबसे पहली जरुरत मणिपुर में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की है. 

पिछड़े दलित और आदिवासियों को केन्द्र में रखकर नीतियों के निर्माण की जरुरत

 भाजपा के द्वारा एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने के दावे पर कहा है कि आदिवासी मूलवासियों की जरुरत राष्ट्रपति नहीं, बल्कि उनकी जरुरत आदिवासी मूलवासी, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को केन्द्र में रखकर नीतियों का निर्माण की है, जिससे की उनके जीवन में बदलाव आ सके, उनके संवैधानिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं हो सके.

कैसी फैली मणिपुर हिंसा

ध्यान रहे कि पिछले 20 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद मणिपुर हिंसा की चपेट में आ  चुका है, अब तक करीबन सैकड़ों लोगों को अपनी जिदंगी गंवानी पड़ी है. एक तरह मैतेई समुदाय इस फैसले का समर्थन कर रहा है तो दूसरी ओर कुकी नागा और दूसरे आदिवासी समुदायों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है, आदिवासी समूहों का  कहना है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद उनका आरक्षण समाप्त हो जायेगा, राज्य की सारी नौकरियों मैतेई समुदाय के हाथ में चली जायेगी. यही कारण है कि कूकी नागा और दूसरे आदिवासी समुदाय इसका विरोध कर रहे हैं.

क्या है मणिपुर का सामाजिक समीकरण

ध्यान रहे कि मणिपुर में नागा, कुकी और दूसरे आदिवासी समूहों की आबादी करीबन 47 फीसदी है, मैतेई समुदाय, जो हिन्दू धर्मलम्बी है, की आबादी करीबन 57 फीसदी है, और ये मुख्य रुप से इंफाल और उसके आसपास में निवास करते हैं. मणिपुर के कुल क्षेत्रफल का करीबन 10 फीसदी हिस्से पर मैतेई समुदाय की बसावट है, जबकि कुकी नागा और दूसरे आदिवासी समूहों की बसावट मुख्य रुप से पहाड़ों और पहाड़ी जिलों में है, राज्य की करीबन 90 फीसदी हिस्सों पर इनकी बसावट है.

Published at:09 Jun 2023 12:50 PM (IST)
Tags:BJP is determined to eradicate tribals and natives!JMM's statement on Manipur violenceसुप्रियो भट्टाचार्यJharkhand Ranchi Manipur violenceBJP
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