Ranchi- केन्द्रीय महाधिवेशन के बाद आजसू ने सीधे तौर पर जातीय जनगणना के सवाल पर हेमंत के साथ खड़ा होने का एलान कर दिया है. आजसू नेता देवशरण भगत ने दावा किया है कि जातीय जनगणना हमारी पुरानी मांग रही है. और हम किसी भी हालत में इससे पीछे हटने वाले नहीं है. हेमंत सरकार को बगैर देरी किये झारखंड में जातीय जनगणना का एलान कर देना चाहिए. ताकि पिछड़ी और दूसरी वंचित जातियों की हकमारी को दूर किया जा सके और जनसंख्या के अनुपात में सामाजिक-सियासी जीवन में उनकी हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया जा सके.
जातीय जनगणना की मांग से पीछे हटने से आजसू का इंकार
आजसू प्रवक्ता देवशरण भगत ने जातीय जनगणना के सवाल पर भाजपा से ठीक जुदा राह पकड़ते हुए दावा किया कि हम संघर्ष की पार्टी है, झारखंड और झारखंडियों के हित में हमने अनगिनत बलिदान दिया है, शहादतें दी है, हम किसी भी कीमत पर जातीय जनगणना के सवाल पर पीछे नहीं हट सकतें, यह हमारे लिए चुनावी मुद्दा से ज्यादा पिछड़ों के प्रति हमारी वचनबद्धता का सवाल है.
बगैर वैज्ञानिक आंकड़ों के नहीं हो सकता इंसाफ
देवशरण भगत ने कहा कि जिस प्रकार से हेमंत सरकार के द्वारा समाज के विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए आरक्षण को घटाया बढ़ाया जा रहा है, उसका एक वैज्ञानिक आधार होना चाहिए. और यह आधार बगैर जातीय जनगणना के सामने नहीं आ सकता.
जातीय जनगणना को महापाप बता चुके है पीएम मोदी
ध्यान रहे कि जातीय जनगणना के सवाल पर प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने बेहद साफ शब्दों में कह कि जातीय जनगणना की मांग का समर्थन कर कांग्रेस महापाप कर रही है. उन्होंने कहा था कि विपक्ष की कोशिश हमेशा से जाति के आधार पर समाज को बांटने की रही है, एक बार फिर से जातीय जनगणना की मांग कर वही महापाप दुहराया जा रहा है.
जातीय जनगणना के सवाल पर आजसू भाजपा में खड़ा हो सकता है टकराव
हालांकि इसके विपरीत जब बिहार में जातीय जनगणना का आंकड़ा जारी हुआ था, तो पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इसका श्रेय लेते हुए कहा था कि यह भाजपा के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज यह इस मुकाम तक पहुंचा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय जनगणना की मांग को महापाप बताकर साफ कर दिया कि अब भाजपा जातीय जनगणना के साथ खड़ी नहीं होने वाली, इस हालत में आजसू का जातीय जनगणना के सवाल पर हेमंत को ललकार लगाना और यह कहना कि हेमंत सोरेन हिम्मत दिखलाते हुए बगैर देरी किये इसकी घोषणा कर देनी चाहिए, कहीं ना कहीं झारखंड की राजनीति में आजसू- भाजपा के हितों के टकराव को भी सामने लाता है.