Patna-बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण के जन्म दिवस पर सदाकत आश्रम में आयोजित समारोह के दौरान लालू यादव को सोने का मुकुट पहनाकर बिहार की सियासत में हलचल मचाने वाले कार्यकर्ता की पहचान हो चुकी है. सोने की मुकुट को बेहद ही छोटी सी चीज बताते हुए उस कार्यकर्ता ने दावा किया है कि लालू यादव बिहार और देश की सियासत में गरीब, वंचितों और पिछड़ों की आवाज है, यह लालू यादव ही हैं जिन्होंने कपड़ा साफ करने वाले से लेकर जुता बनाने वाले को भी संसद भेज कर लोकतंत्र की बुनियाद को जिंदा रखा. जिस जमाने में टिकट वितरण में करोड़ों का खेल किया जाता है उस दौर में भी लालू यादव सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नहीं भूले, और इसकी कीमत उन्हें जेल के सलाखों के पीछे जाकर गुजारना पड़ा.
राजद नहीं कांग्रेस का कार्यकर्ता है रत्न सिंह
यहां यह बता दें कि यह कार्यकर्ता राजद का नहीं होकर कांग्रेस से जुड़ा है, लेकिन कांग्रेस में रह कर भी उसका दिल राजद सुप्रीमो के लिए डोलता है. वह बेगुसराय का एक बड़ा कारोबारी और नाम रत्न सिंह है. रत्न सिंह दो बार जिला पार्षद रह चुका है, दावा किया जाता है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव के निर्देश पर ही वह कांग्रेस में शामिल हुआ था, हालांकि उसकी चाहत राजद ज्वाइन करने की थी, लेकिन चूंकी यह सीट कांग्रेस के खाते की सीट है, इसलिए लालू यादव ने उसे राजद के बजाय कांग्रेस को ज्वाइन करने की सलाह दी. और यही कारण है कि कांग्रेस का झंडा ढोते हुए भी रत्न सिंह के दिल में लालू की तस्वीर बसती है दावा किया जा रहा है कि रत्न सिंह की नजर बेगूसराय सीट पर लगी हुई है, और वह आने वाले दिनों में यहां से उम्मीदवार हो सकते हैं. इसके पहले भी लालू यादव के द्वारा उन्हे कई बार टिकट देने का प्रयास किया गया था लेकिन हर बार यह सीट कांग्रेस के खाते में चली जाती थी, जिसके बाद लालू यादव ने रत्न सिंह को कांग्रेस ज्वाईन करने की सलाह दी थी.
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रत्न सिंह के दामाद रजनीश कुमार सिंह भाजपा के सदस्य है
यहां यह जानना भी दिलचस्प होगा कि रत्न सिंह का दामाद रजनीश कुमार सिंह भाजपा का एक बड़ा चेहरा हैं, इस प्रश्न पर रत्न सिंह कहते है कि यह तो अपनी अपनी विचारधारा है, दामाद तो दामाद बेटा भी अलग पार्टी की सवारी कर सकता है, सबकी अपनी अपनी राजनीतिक पसंद है. रत्न सिंह कहते हैं कि यह भूल कर भी नहीं समझना चाहिए कि हमने लालू यादव का सम्मान किया है, उनका सम्मान करने की हमारी हैसियत नहीं है, दरअसल इतन लोगो के सामने हमारा छोटा सा तोफहा स्वीकार उन्होंने हमारा सम्मान किया है. हमें इस पर बेहद गर्व है.