Patna- मिथिलांचल के झंझारपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा जय श्रीराम के बदले जय सियाराम के संबोधन पर अब सियासी बवाल की शुरुआत हो गयी है. जयसियाराम को भाजपा और अमित शाह की मजबूरी बताते हुए जदयू ने कहा है कि अयोघ्या में प्रभू श्रीराम से मां जानकी को अलग करने वालों को सबक सीखाने का वक्त आ गया है.
मिथिलाचंल की धरती पर नहीं गलने वाली भाजपा का दाव
आखिर इस मिथिलांचल की धरती ने दिखला दिया कि यहां भाजपा की दाल नहीं गलने वाली है, पूरे देश में जयश्रीराम का उद्घोष करने वालों को मिथिला की धरती पर जय सियाराम के सामने नतमतस्क होना पड़ा, मां जानकी की शरणों में आना पड़ा, लेकिन जयसियाराम करने वालों को यह बताना चाहिए कि अय़ोध्या जाते ही उनका स्टैंड बदल क्यों जाता है, वहां मां जानकी को प्रभू राम से अलग क्यों किया जाता है, आखिर उन्हे मिथिला की धरती पर आते ही मां सीता की याद क्यों आती है.
अब तक का सबसे निकम्मा गृह मंत्री अमित शाह
लेकिन अमित शाह पर सबसे बड़ा हमला जदयू प्रवक्ता नीरज सिंह की ओर आय, उन्होंने कहा कि आज मुझे सचमुच इन्हे गृह मंत्री कहते हुए भी शर्म आती है, यह वास्तव में सहकारिता मंत्री के ही योग्य है, गृह मंत्रालय को संभालना इनके बस की बात नहीं है, देश के अब तक सबसे निकम्मे गृहमंत्री में अमित शाह का ही नाम सामने आयेगा. यह अमित शाह ही है जिनके द्वारा 2020 से नेशनल क्राइम ब्यूरो के रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया, यह कौन सी रणनीति है, यह वही जाने, लेकिन आंकड़ों को छुपाने से अपराध तो नहीं मिट सकता.