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कभी म्यामांर का हिस्सा था असम! देखिये कपिल सिब्बल के इस दावे पर हिमंत बिस्वा सरमा का पलटवार

कभी म्यामांर का हिस्सा था असम! देखिये कपिल सिब्बल के इस दावे पर हिमंत बिस्वा सरमा का  पलटवार

TNP DESK-सुप्रीम कोर्ट में सिटीजनशिप एक्ट, 1955 के सेक्शन 6A की वैधता पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल के इस दावे पर कि कभी असम म्यांमार यानी बर्मा का हिस्सा था. 1824 में युद्ध के बाद अंग्रजों ने इसे भारत का हिस्सा बनाया था, असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ी आपत्ति जताई है. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि कपिल सिब्बल एक अधिवक्ता है, उन्हे इसी भूमिका में रहना चाहिए, जिसे इतिहास की समझ नहीं हो, उसे इतिहास में दखल नहीं देनी चाहिए. हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था, मेरी जानाकरी में ऐसा कोई डाटा उपलब्ध नहीं है.  इस दावे के बाद देश में म्यामांर को लेकर एक बार फिर से बहस तेज होती नजर आ रही है. असम से भाजपा विधायक पीयूष हजारिका ने भी दावा किया कि कपिल सिब्बल को इतिहास की जानकारी नहीं है, असम को महाभारत काल से भारत का हिस्सा था.

नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़े जाने के बाद हुई इस विवाद की शुरुआत

दरअसल इस विवाद की शुरुआत नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़े जाने के बाद हुई है, असम समझौते के तहत भारत आने वाले लोगों की नागरिकता से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में धारा 6ए जोड़ा गया है, इस धारा के तहत जो लोग 1 जनवरी 1966 या उसके बाद, लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले बांग्लादेश से असम आए और तब से वहां रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इस प्रावधान के तहत असम में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की अंतिम तारीख 25 मार्च 1971 तय की गयी है.

इसी मामले में अपना तर्क रखते हुए कपिल सिब्बल ने दावा किया कि इस भूभाग में विभिन्न काल खंडों में लोग आकर बसते रह हैं,यहां तक 1824 के पहले तक असम भारत का हिस्सा नहीं होकर म्यामांर का भाग था, जिसे अंग्रेजों ने युद्ध कर हासिल किया था. मजे की बात यह है कि जहां कपिल सिब्बल इतिहास की बात कर रहे हैं, वहीं हिमंत विसवा शर्मा इस बात की दुहाई दे रहे हैं कि जिसे इतिहास की समझ नहीं हो उसे इतिहास की बात नहीं करनी चाहिए, लेकिन सवाल तो यह है कि कपिल सिब्बल के इस दावे का खंडन या समर्थन तो कोई इतिहासकार ही कर सकता है, खुद हिमंत विसवा शर्मा भी कोई इतिहासकार तो हैं नहीं. और वैसे ही यह बयान देश की सुप्रीम कोर्ट में जिरह के दौरान दी गयी है. तो निश्चित रुप से इसके पहले कपिल सिब्ब्ल ने अपने इस दावे पर काफी विचार किया होगा.  

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Published at:09 Dec 2023 07:05 PM (IST)
Tags:Assam was once a part of MyanmarHimanta Biswa Sarma's counterattack on this claim of Kapil Sibavalidity of Section 6A of the Citizenship Act 1955Himanta Biswa SarmaAssam was never a part of MyanmarBJP MLA from Assam Piyush HazarikaBangladeshi immigrants in AssamCitizenship Act Section 6A
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