रांची(RANCHI); छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को आज सात दिनों की न्यायिक हिरासत में रायपुर संट्रेल जेल भेज दिय. अरुणपति त्रिपाठी पर 2000 करोड़ रुपये का शराब घोटाले आरोप है. इसे मामले में ईडी के द्वारा उन्हे गिरफ्तार किया गया था.
अरुण पति की त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सरगर्मी तेज
अरुण पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी भले ही रायपुर में हुई हो, लेकिन इसकी तपिश झारखंड में महसूस की जाने लगी है, क्योंकि यही अरुण पति त्रिपाठी झारखंड आबकारी विभाग में मुख्य सलाहकार थें, और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का एक सिरा झारखंड से भी जुटता नजर आने लगा है. दावा किया जाता है कि छत्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, आपूर्तकर्ताओं और झारखंड आबकारी विभाग की मिली भगत से कई अनियमितताओं को अंजाम दिया गया है. जिसके कारण झारखंड सरकार को करीबन 450 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा.
विपक्ष काफी अर्से से झारखंड में भी शराब घोटाले की बात करता रहा है
यही कारण है कि समय समय पर विपक्ष इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करता रहता है, खास कर बाबूलाल मंराडी इस मुद्दे को लेकर काफी हमलावर रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि अरुण पति त्रिपाठी को झारखंड में आबकारी विभाग का सलाहकार बनाने के पहले उनके मूल विभाग से अनुमति नहीं लेना एक भारी चुक है, क्योंकि अरुण पति त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ में ही कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा था. जिसमें सबसे बड़ा आरोप एक फर्जी कंपनी बनाकर होलोग्राम छापने का भी आरोप है,
दावा किया जाता है कि इसी कंपनी को झारखंड में भी होलोग्राम छापने का आदेश दिया गया था. जिसके कारण झारखंड में एक बड़े शराब घोटाले की आशंका जतायी जा रही है. अब देखना होगा कि ईडी अपनी पूछताछ में क्या झारखंड शराब घोटाले को लेकर क्या कोई सबूत हासिल कर पाती है या नहीं, या फिर यह सारी आशंकाएं महज आशंकाऐं ही है, जिसका कोई पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं है