रांची(RANCHI)- जैसे-जैसे 2024 का समर नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे राज्य सरकार अपने पिटारे से एक से बढ़कर एक योजनाओं को सामने ला रही है, अबुआ आवास योजना के बाद अब निशुल्क आवासीय कोचिंग योजना की शुरुआत इसी कड़ी का हिस्सा है. आज मोरहाबादी स्थित डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान से सीएम हेमंत के हाथों इसकी शुरुआत होने वाली है.
कमजोर आर्थिक-सामाजिक समूह के छात्रों को मदद प्रदान करने की कोशिश
इस योजना के तहत समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्गों के अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग प्रदान किया जायेगा, इसकी शुरुआत 156 पीवीटी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) विद्य़ार्थियों के साथ की जायेगी. प्रतियोगियों का चयन दसवीं और बारहवीं के प्राप्तांक के आधार पर होगा. 21 वर्ष से 40 वर्ष के अभ्यर्थी इसका लाभ ले सकेंगे. जिन छात्रों के द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवदेन दिया जा चुका है, वैसे छात्रों को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी. ताकि उनकी तैयारियों को पूरा किया जा सके और वह परीक्षा में सफलता का परचम लहरा सकें.
चयनित छात्रों को निशुल्क आवासीय कोचिंग
दरअसल सरकार की कोशिश वैसे मेधावी छात्रों को मदद करने की है, जो कमजोर आर्थिक- सामाजिक समूह से आते हैं, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि ऐसी नहीं है कि वह महंगें कोचिंग संस्थानों का फीस चुका सकें, चयनित छात्रों को सरकार की ओर से आवासीय कोचिंग उपलब्ध करवाया जायेगा, यह पूरी तरह से निशुल्क रहेगा ताकि छात्र बगैर किसी चिंता फिक्र के अपनी पढ़ाई पर ध्यान को केन्द्रीत कर सकें. और सफलता हासिल कर अपने परिवार के साथ ही उक्त समाज के दूसरे विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल कायम कर सकें, उनकी सफलता से दूसरे छात्रों को भी प्रेरणा मिले और वह समाज आर्थिक सामाजिक पिछड़ेपन से अपने को बाहर निकाल सके.