Patna- 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की पटना में बैठक के बाद नीतीश कैबिनेट का एक और विस्तार किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद कोटे से एक और कांग्रेस कोटे से दो मंत्रियों को शपथ दिलायी जा सकती है.
रत्नेश सदा को मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद कांग्रेस में देखी जा रही थी बेचैनी
ध्यान रहे कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन की मंत्रिमंडल से विदाई के बाद आनन-फानन में जदयू कोटे से रत्नेश सदा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. लेकिन रत्नेश सदा को मंत्री बनाये जाने के साथ ही यह सवाल भी खड़ा होने लगा था कि मंत्रिमंडल विस्तार की जो तेजी संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद दिखाई गयी, वही तेजी सुधाकर सिंह और पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह की विदाई के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में क्यों नहीं दिखाई गयी? ये दोनों ही राजद कोटे से मंत्री थें, जबकि कांग्रेस लम्बे अर्से से अपने लिए दो मंत्री पद की मांग कर रही थी, बीच-बीच में प्रदेश कांग्रेस के द्वारा इसकी मांग भी उठायी जाती थी, लेकिन जदयू इन मांगों को विशेष तरजीह नहीं दे रहा था, अब खबर है कि 23 जून क आहूत विपक्षी दलों की बैठक के बाद एक और मंत्रिमंडल का विस्तार कर राजद सहित कांग्रेस की एडजस्ट की जाने की तैयारी की जा रही है.
पूर्व बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह की सीएम नीतीश से मुलाकात की उड़ी थी खबर
यहां यह भी बता दें कि रत्नेश सदा को मंत्री बनाने की खबर के बीच चर्चा यह भी थी कि कांग्रेस कोटे से अखिलेश सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. दावा किया जा रहा था कि उनकी इस मामले में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात हो चुकी है, लेकिन अंत समय में सिर्फ रत्नेश सदा को ही मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी थी.
कांग्रेस कोटे से सवर्ण चेहरे को सामने लाने की चर्चा
यहां यह भी ध्यान देने की जरुरत है कि राजद कोटे से मंत्री बनाये गये और फिर विवादों में पड़ कर अपना अपना इस्तीफा देने वाले सुधाकर सिंह और पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दोनों ही सवर्ण समुदाय से आते हैं, माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस कोटे से सवर्ण चेहरे को सामने लाया जा सकता है, जबकि किसी कोयरी जाति से आने वाले विधायक को आगे कर सकती है.