रांची (TNP Desk) : चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस कोटे के पुराने मंत्रियों को ही फिर से जगह मिलने नाराज पार्टी के आठ विधायक दिल्ली में ही डटे हुए हैं. नाराज विधायकों को उम्मीद है कि आलाकमान से बातचीत हो सकती है. लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान इन एमएलए से बातचीत करने के मूड में नहीं है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली में डटे सभी आठ विधायक बैरंग हाथ राजधानी रांची लौट जायेंगे.
आलाकमान को नाराज करने के मूड में नहीं नाराज विधायक
इससे पहले झारखंड कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक कांग्रेस नेता उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर से मुलाकात की. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नाराज विधायकों से इस मामले पर बातचीत की. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि आलाकमान को नाराज करने के पक्ष में विधायक नहीं है. फिर भी कुछ विधायकों का कहना है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के निर्देश का इंतजार है. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि अपनी बात रखने का उनका यह तरीका सही नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज विधायकों की मुलाकात हो सकती है.
छह विधायकों के रांची लौटने की संभावना
दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नाराज आठ विधायकों में छह रांची वापस आना चाहते हैं. उम्मीद थी कि उनकी बातों को तुरंत सुन ली जायेगी. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी ऐसा संभव नहीं हो सका है. असंतुष्ट विधायक अभी भी पेशोपेश में है. कहा जा रहा है कि आठ में छह विधायक रांची लौट जायेंगे और दो विधायक दिल्ली में ही डटे रहेंगे. आलाकमान से बुलावा का इंतजार बढ़ने के बाद ये विधायक अपनी रणनीति को लेकर भी संशय की स्थिति में हैं.
नाराज विधायकों पर हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो असंतुष्ट विधायक दिल्ली में डटे हुए हैं, उससे आलाकमान नाराज हो गए हैं. दबाव की राजनीति करने वाले विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है. क्योंकि इस मामले को आलाकमान ने गंभीरता से लिया है. यही वजह है कि अब तक इन विधायकों को रिस्पांस नहीं मिला है. नाराज विधायकों के संपर्क में जो वरीय नेता हैं, वे भी आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं.
क्यों नाराज हैं कांग्रेस के विधायक?
दरअसल, चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 16 फरवरी को हुआ. जिसमें झामुमो कोटे से दो नये चेहरों को शामिल किया गया. वहीं कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरों पर ही दांव खेला. राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले कांग्रेस के 12 विधायक नाराज हो गए. इन विधायकों का कहना था कि पुराने को छोड़कर नये को मंत्रिमंडल में मौका मिलना चाहिए. इन नाराज विधायकों ने प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश से शिकायत करते हुए कहा कि मंत्री हमारे फोन तक नहीं उठाते हैं. अपने क्षेत्र की कई समस्या है जिसका हम समाधान करना चाहते हैं. लेकिन ये लोग रिस्पांस नहीं देते हैं. हम जनता के समक्ष किस मुंह से जाएंगे. इसी बात को लेकर विधायक नाराज चल रहे हैं.