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पश्चिमी सिंहभूम में ईचा बांध को लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश! जोबा की डूबेगी नैया या गीता पर संकट

पश्चिमी सिंहभूम में ईचा बांध को लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश! जोबा की डूबेगी नैया या गीता पर संकट

Ranchi-लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मंत्री मिथिलेश ठाकुर के एक बयान के बाद ईचा खरकाई बांध का मामला गरमाने लगा है. यहां याद रहे कि पिछले चालीस वर्षों से आदिवासी समाज इस बांध के विरोध में आन्दोलनरत है. आदिवासी समाज में पनपते इसी विरोध के कारण पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने इसके निर्माण पर रोक लगाने की बात की थी, लेकिन अब मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बांध निर्माण पर रोक लगाने के बजाय, उसकी समीक्षा की बात की है. जिसके बाद आदिवासी समाज में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं.

वर्ष 2014 में केन्द्र सरकार की मिली थी मंजूरी

याद रहे कि वर्ष 2014 में केन्द्र सरकार की स्वीकृति के बाद इसके डीपीआर और डिजाइन को मंजूरी प्रदान कर दिया गया था. दावा किया जाता है कि इस बांध के निर्माण से करीबन 85 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी. लेकिन इसके साथ ही चाईबासा जिले के प्रखंड राजनगर, चाईबासा एवं तांतनगर के करीबन 126 गांव डूब एरिया में भी शामिल हो जायेगा,यानि इन गांवों के आदिवासियो को विस्थापन का शिकार होना पड़ेगा, आदिवासी समाज इसी आधार पर इसका विरोध कर रहा है.

चंपाई सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

ईचा खरकाई बांध विरोधी संघ से जुड़े बीर सिंह बिरूली ने कहा है कि विस्थापितों को उम्मीद थी कि जिस प्रकार हेमंत सरकार ने बांध निर्माण पर रोक लागने का आदेश जारी किया था, उससे आदिवासी समाज के बीच काफी खुशी थी, उसे इस बात की आशा थी कि अब सरकार इसे रद्द करने की दिशा में आगे बढ़ेगी, लेकिन मंत्री मिथिलेश ठाकुर के बयान से आदिवासी समाज अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है.

मुख्यमंत्री रहते अर्जुन मुंडा ने भी की थी शिलान्यास की कोशिश

यहां यह भी बता दें कि अर्जुन सिंह मुंडा ने भी मुख्यमंत्री रहते इस डैम को एक बार फिर से शिलान्यास करने की कोशिश की थी. लेकिन आदिवासी समाज के विरोध के कारण उन्हे अपना कदम वापस खिंचना पड़ा था, जिसके बाद रघुवर दास के शासन काल में भी इसे पूरा करने की कोशिश की गयी, लेकिन उस वक्त भी आदिवासी समाज सड़क पर उतर विरोध प्रदर्शन तेज करने लगा, दावा किया जाता है कि इस बांध के कारण ही कोल्हान में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था और झामुमो को इसका सियासी लाभ मिला था. लेकिन इस बार वादाखिलाफी का आरोप झामुमो पर ही लगा रहा है, इस हालत में देखना होगा कि झामुमो को सियासी नुकसान होता है या फिर वक्त रहते  इस गुस्से का समाधान निकाल लिया जाता है.

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Published at:24 Apr 2024 02:39 PM (IST)
Tags:Icha DamWest SinghbhumPolitics intensifies between JMM and BJP on Icha DamAnger in tribal community regarding construction of Icha Dam in Chaibasa Lok SabhaAnger in tribal communityChaibasa Lok SabhaAnger in tribal community regarding construction of Icha DamJoba Manjhi may have to face lossGeeta Koda may join the 'Ho' tribeIcha Dam in West SinghbhumJoba's boat will sink or Geeta will be in trouble
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