रांची(RANCHI)- माकपा नेता और जमीन कारोबारी सुभाष मुंडा की हत्या के बाद राजधानी पुलिस पूरे एक्शन मोड में दिख रही है, जमीन कारोबारियों की एक-एक कुंडली खंगाली जा रही है, उन्हे अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण, मोबाइल नम्बर, इनकम टैक्स रिटर्न संबंधित थानों में जमा करने का निर्देश दिया जा चुका है, इसके साथ ही पुलिस की नजर जमीन कारोबारियों की संपत्ति पर भी है. उनसे कार, बाईक के साथ ही उनकी दूसरी संपत्तियों की एक-एक जानकारी मांगी जा रही है. उसका बाजार भाव तय किया जा रहा है. साथ ही उनसे उनकी कंपनियों की जानकारी भी मांगी गयी है. ताकि शेल कंपनियों का निर्माण कर काला धन को सफेद करने वालों को कानून गिरफ्त में लिया जा सके.
सभी थानेदारों को रिपोर्ट जमा करने का सख्त निर्देश
सभी थानेदारों को इन सारी जानकारियों को एक रिपोर्ट की शक्ल में एसपी को भेजने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जमीन कारोबारियों पर 107 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया की भी शुरुआत कर दी गई है, ताकि उनकी गतिविधियों के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित नहीं हो. पुलिस वैसे जमीन काराबारियों की सूची भी बना रही है, जिन पर मुकदमें दर्ज है, वैसे विवादों को सूचिबद्ध किया जा रहा है, जिसके कारण हिंसक वारदात होने की आशंका है.
पिछले पांच साल में जमीन विवाद में 101 मौत
ध्यान रहे कि पिछले पांच वर्षों में राजधानी रांची में भूमि विवाद में 101 हत्याएं हो चुकी है. जबकि 530 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. राजधानी रांची में जमीन विवाद ही हत्या की मुख्य वजह मानी जा रही है, अधिकांश हत्यायों का तार आखिरकार जमीन विवाद में जुड़ता नजर आता है, पुलिस विभाग के आला अधिकारियों का मानना है कि जब तक राजधानी रांची में जमीन कारोबारियों की गतिविधियों पर नकेल नहीं लगायी जाती, तब तक राजधानी रांची को हिंसक वारदातों से मुक्त नहीं करवाया जा सकता.