TNPDESK-राहुल गांधी के बाद अब प्रियंका गांधी भी उसी राह पर चलती नजर आने लगी है. शिवराज सिंह चौहान की सरकार को पचास फीसदी कमीशन वाली सरकार बताने के आरोप में प्रियंका गांधी के साथ ही कमलनाथ और अरुण यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दरअसल प्रियंका गांधी और दूसरे तमाम नेताओं के द्वारा 'लघु एवं मध्यम क्षेत्रीय संविदाकार संघ' की ओर से जारी एक लेडर पैड को ट्वीट किया गया है, ज्ञानेन्द्र अवस्थी नामक किसी शख्स के द्वारा ग्वालियर खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे इस पत्र में दावा किया है कि मध्यप्रदेश में पचास फीसदी कमीशन वाली सरकार चल रही है.
मध्य प्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 11, 2023
कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी। मध्य प्रदेश में BJP भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है।… pic.twitter.com/LVemnZQ9b6
प्रियंका गांधी के द्वारा ट्वीट किये जाने के बाद यह यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद भाजपा विधि प्रकोष्ठ के द्वारा प्रियंका गांधी और दूसरे नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा (धारा 420, 469) के तहत मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
क्या लिखा था प्रियंका गांधी ने
यहां बता दें कि प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 'मध्यप्रदेश में ठेकेदारों के एक संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में पचास फीसदी कमीशन देने के बाद ही ठेकेदारों को उनका भुगतान मिलता है. कर्नाटक भाजपा चालीस फीसदी कमीशन की वसूली करती थी, लेकिन मध्यप्रदेश में भाजपा अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गई, और 50 फीसदी कमीशन की उगाही की जा रही है, कर्नाटक की जनता ने चालीस फीसदी कमीशन वाली सरकार को बाहर का रास्ता दिखला दिया, अब मध्यप्रदेश की जनता पचास फीसदी कमीशन वाली भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करेगी.
जो कांग्रेस अंग्रेजों से नहीं डरी वह भला इस एफआईआर से क्यों डरेगी!
हालांकि मामला दर्ज होने के बाद प्रियंका गांधी का कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने मोर्चा जरुर खोल दिया है, उन्होंने कहा है कि जो कांग्रेस अंग्रेजों से नहीं डरी वह भला इस एफआईआर से क्यों डरेगी! यहां याद रहे कि कर्नाटक चुनाव में भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था, जबकि भाजपा हिन्दू मुसलमान कार्ड खेलने में व्यस्त थी, उसके द्वारा बजरंग बलि और बुरका नाकाब को मुद्दा बनाया जा रहा था, लेकिन कांग्रेस का यह भ्रष्टाचार चल निकला और 40 फीसदी कमीशन के आरोपों से घिरी भाजपा को सत्ता से बेदखल होना पड़ा.