Patna- विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया की मुम्बई बैठक से ठीक पहले पटना में सीएम नीतीश को पीएम बनाने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है, इस चर्चा को बल मिला है बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री और नीतीश कुमार के बेहद खास माने वाले श्रवण कुमार के एक बयान से. श्रवण कुमार ने कहा है कि पूरे देश में आज नीतीश कुमार के कद-काठी का कोई नेता नहीं है, उनके पास चार दशकों की राजनीति का विशाल अनुभव है, वह केन्द्र से लेकर बिहार के सीएम तक की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं. यह नीतीश कुमार के प्रयासों का ही नतीजा है कि कभी बेहद पिछड़ा राज्य माना जाने वाला बिहार आज हर पैमाने पर देश के दूसरे राज्यों से आगे खड़ा है. विकास दर के मामले में भी आज बिहार को कोई मुकाबला नहीं है. यदि देश की कमान नीतीश कुमार के हाथ में रही तो वास्तव में देश का कायाकल्प हो सकता है.
देश में अमन शांति का दौर वापस लाने की जंग
लेकिन इसके साथ ही श्रवण कुमार ने यह साफ कर दिया कि ना तो नीतीश कुमार और ना ही जदयू की ओर से कोई ऐसी मांग की जा रही है, पीएम बनाने की मांग लोगों से आ रही है. यूपी हो बिहार, बंगाल या हिमाचल हर जगह से लगातार यह मांग तेज हो रही है, लेकिन नीतीश कुमार की इच्छा बस विपक्षी दलों के गठबंधन को मजबूत करने की है, उन्हे एक साथ खड़ा करने की है. ताकि इस सरकार की विदाई किया जा सके और देश में अमन शांति का दौर वापस आ सके.
फूलपुर से चुनाव लड़ने से इंकार नहीं
इस सवाल पर कि क्या सीएम नीतीश कुमार यूपी के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं, श्रवण कुमार ने कहा कि यह फूलपुर की जनता की मांग है, लेकिन यह फैसला नीतीश कुमार को लेना है. यदि वह चाहेंगे तो कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है.
फूलपुर से एलाने जंग कर वाराणसी में मोदी को घेरने की रणनीति
ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से श्रवण कुमार लगातार फूलपुर में सक्रिय है, वहां सभा और संगोष्ठियों का दौर भी जारी है. माना जाता है कि बिहार के नालंदा के साथ ही सीएम नीतीश कुमार फूलपुर से भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते हैं, उनकी कोशिश यूपी से चुनाव लड़ कर पीएम मोदी के समक्ष परेशानी खड़ा करने की है. फूलपुर सहित वाराणसी में कुर्मी मतदाताओं की एक बड़ी आबादी है, नीतीश की उम्मीदवारी की घोषणा होते ही वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल का समीकरण पूरी तरह से बदल सकता है. और इसका सीधा लाभ अखिलेश यादव को भी मिलेगा, नीतीश के सहारे कुर्मी मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा अखिलेश के साथ भी खड़ा हो सकता है, यही कारण है कि खुद अखिलेश यादव की भी यही इच्छा है कि सीएम नीतीश फूलपुर से चुनाव लड़ें.