☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Art & Culture

क्यों 5 भागों में बंटे है केदारनाथ, जानें शिवलिंग से जुड़ा रहस्यमयी इतिहास

क्यों 5 भागों में बंटे है केदारनाथ, जानें शिवलिंग से जुड़ा रहस्यमयी इतिहास

टीएनपी डेस्क(TNP DESK):उत्तराखंड में भगवान शिव के प्रमुख द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ का मंदिर स्थित है, जहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए जाते है. हर सनातनी का यह सपना होता है कि केदारनाथ के दर्शन करें तो चलिए आज हम केदारनाथ मंदिर के बारे में  कुछ रहस्यमयी बातें बताने वाले हैं जो अब तक आपको नहीं पता होगा.

पांडवों से जुड़ा है केदारनाथ का इतिहास

आपको बताये कि केदारनाथ में स्थित ज्योतिर्लिंग की मान्यता सभी ज्योतिर्लिंग में से ज्यादा है, क्योंकि यहां भगवान शिव की पूजा विग्रह रूप में किया जाता है, यहां शिवलिंग की आकृति  बैल की पीठ जैसा त्रिकोणीय आकार का है, जिसका इतिहास पांडवों से जुड़ा हुआ है. आज हम आपको पांडवों और केदारनाथ से जुड़ी एक कथा के बारे में बताने वाले है.

जानें शिवलिंग से जुड़ा रहस्यमयी इतिहास

केदारनाथ और पांडवों की कथा के अनुसार भगवान शिव पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे जिसकी वजह से वह अंतर्ध्यान होकर केदारनाथ आ गए, लेकिन पांडव भी कहां मानने वाले थे वह भी उनका पीछा करते हुए भगवान शिव के पीछे-पीछे केदारनाथ आ पहुंचे. पांडवों से बचने के लिए भगवान शिव ने बैल का रूप धारण कर लिया और अन्य जानवरों के बीच छुप गए,लेकिन भीम ने उन्हे पहचान लिया और विशालकाय रूप में आ गए और दो पहाड़ों के बीच में अपने दोनों पैर रख दिए, जहां से अन्य जानवर भीम के पैरों के बीच से निकल गए लेकिन भगवान पैरों के बीच से नहीं गए.

 जिसके बाद भीम को समझ आ गया कि यही भगवान शिव है, जिसके बाद भीम ने बैल के पीठ का त्रिकोणीय भाग पकड़ लिया, पांडव के शक्ति और ढृढ संकल्प ने भगवान शिव के मन को बदला और भगवान शिव ने पांडवों को दर्शन देकर उन्हे पाप से मुक्त कर दिया. उसी समय से यहां शिवलिंग की पीठ के आकार में पूजा जाती है.

5 हिस्सों में बंटे है केदारनाथ

पौराणिक कथाओं की माने तो  जब भगवान शिव ने बैल के रूप धारण किया तो उनके शरीर का भाग काठमांडू में प्रकट हुआ, जहां पशुपतिनाथ मंदिर है.वहीं मुख रुद्रनाथ में, नाभि, शिवजी की भुजाएं तुंगनाथ में मद्महेश्‍वर में और जटा कल्‍पेश्‍वर में प्रकट हुई. जहां चार स्‍थानों को मिलाकर केदारनाथ धाम के साथ पंचकेदार के रूप में पूजा की जाती है.

Published at:08 May 2025 11:33 AM (IST)
Tags:kedarnath dhamkedarnath art and culture dharam astha pashupatinath history of kedarnath shivlingtrending newsviral news
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.