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बिना इस जोतिर्लिंग के दर्शन के अधूरी मानी जाती है चारधामों की यात्रा, जहां स्वयं बाबा भैरवनाथ करते हैं पहरेदारी, जानिए इसके पीछे का रहस्य

बिना इस जोतिर्लिंग के दर्शन के अधूरी मानी जाती है चारधामों की यात्रा, जहां स्वयं बाबा भैरवनाथ करते हैं पहरेदारी, जानिए इसके पीछे का रहस्य

टीएनपी डेस्क : मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बाद भारत में पांचवे स्थान पर केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग है. चार धामों में से एक उत्तराखंड के हिमालय पर्वत की गोद में रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा और पांच नदियों का संगम केदारनाथ धाम में देखने को मिलता है. इन पांच नदियों में मधुगंगा, मंदाकिनी, सरस्वती, क्षीरगंगा और स्वर्णगौरी हैं.  इस धाम में भगवान शिव बैल की पीठ के समान त्रिकोणाकार ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं. केदारनाथ धाम में स्थित केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर कई रोचक कहिनियां हैं. इस आर्टिकल में पढ़े कि कैसे केदारनाथ में त्रिकोणाकार ज्योतिलिंग की उत्पत्ति हुई व इस ज्योतिर्लिंग का क्या महत्व है.

केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग

शिव पुराण के अनुसार, बदरीवन में नर-नारायण जो कि विष्णु भगवान के अवतार थे, पार्थिव शिवलिंग बनाकर रोज भगवान शिव की पूजा किया करते थे. नर-नारायण की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे वरदान मांगने को कहा. जिसके बाद दोनों ने भगवान शिव को हमेशा वहीं विराजित होने का वरदान मांगा. जिसके बाद भगवान शिव वहीं स्थापित हो गए और वह जगह केदार क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध हो गया.

पांडवों से जुड़ी है केदारनाथ की मान्यता

कहा जाता है कि, द्वापर युग में पांडवों ने महाभारत युद्ध में जीत हासिल करने के बाद भाइयों की हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए उन्होंने भगवान शिव को खोजते हुए हिमालय पर पहुंच गए. लेकिन पांडवों से नाराज भगवान शिव ने पांडवों के आते ही हिमालय से अंतर्ध्यान हो कर केदार क्षेत्र में चले गए थे. हालांकि, पांडव भी भगवान शिव के पीछे पीछे केदार पहुंच गए. भगवान शिव को पांडवों के आने का पता चलते ही उन्होंने बैल का रूप लेकर पशुओं के झुंड में मिल गए. जिसक ेबाद भगवान शिव को धुंदने के लिए भीम ने अपना विशाल रूप धरण कर दो पहाड़ों पर अपना पैर फैला दिया. भीम के ऐसा करने से बाकी जानवर भयभीत होकर भाग गए लेकिन बैल का रूप लिए भगवान शिव जमीन के नीचे अंतरध्यान होने लगे. भगवान शिव को पुन: अंतरध्यान होता देख भीम नें बैल के पीठ को पकड़ लिया. पांडवों के प्रयासों से भगवान शिव खुश हो कर उन्हें दर्शन दिया और सभी पापों से पांडवों को मुक्त कर दिया. इस घटना के बाद से ही भगवान शिव की पूजा बैल की पीठ के समान त्रिकोणाकार में केदारनाथ धाम में होने लगी.

केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व

कहा जाता है कि, जो भक्त केदारनाथ धाम की यात्रा किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करते हैं उनकी यात्रा अधूरी या व्यर्थ मानी जाती है. केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से शिव भक्त सारे पापों से मुक्त हो जाते हैं. यहां ऐसी भी मान्यता है कि केदारनाथ धाम में स्थित बाबा भैरवनाथ यहां की रक्षा करते हैं. इसलिए सबसे पहले बाबा भैरवनाथ कि पूजा की जाती है. मान्यता है कि, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से शीतकालीन गद्दीस्थल में होने वाली पूजा के बाद भैरवनाथ केदारपुरी की रक्षा के लिये केदारनाथ रवाना हो जाते हैं. बाबा केदारेश्वर बाबा की रक्षक व अग्रवीर होने के नाते बाबा केदार से पहले की पूजा भैरवनाथ को दी जाती है. साथ ही सर्दी के मौसम में 6 महीनों के लिए इस धाम के पट बंद कर दिए जाते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि पट बंद होने से पूर्व जो दीप जलाया जाता है वह ग्रीष्म ऋतु के मई महीने में पट खुलने तक जलता रहता है. जबकि, इन 6 माह में मंदिर के आसपास किसी के भी जाने पर मनाही है. लेकिन फिर भी यह दीप जलते रहता है और अब तक इसका कोई भी खुलासा नहीं हो पाया है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में लिखी गई सभी बातें ग्रंथों और पुराणों पर आधारित है तथा कई माध्यमों से ली गई है.  

Published at:30 Jul 2024 12:26 PM (IST)
Tags:केदारनाथ यात्राकेदारनाथकेदारनाथ धामकेदारनाथ मंदिरकेदारनाथ दर्शनकेदारनाथ बद्रीनाथकेदारनाथ लाइव मंदिर से दर्शनकेदारनाथ मंदिर के बारे में 5 रोचक तथ्यकेदारनाथ मंदिर के बारे में 5 अज्ञात तथ्यकेदारनाथ मंदिर के बारे में 5 रहस्यमय तथ्यकेदारनाथ मंदिर के बारे में 5 आश्चर्यजनक तथ्यकेदारनाथ मंदिर के बारे में 5 चौकाने वाले तथ्य Kedarnath Yatra Kedarnath Kedarnath Dham Kedarnath Temple Kedarnath Darshan Kedarnath Badrinath Kedarnath Live Temple Darshan 5 Interesting Facts About Kedarnath Temple 5 Unknown Facts About Kedarnath Temple 5 Mysterious Facts About Kedarnath Temple 5 surprising facts about Kedarnath Templeउत्तराखंड केदारनाथ धाम भगवान शिव केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग बाबा भैरवनाथ ज्योतिर्लिंग भारत चार धाम यात्राUttarakhand Lord Shiva Kedareshwar Jyotirling Baba Bhairavnath Jyotirling India Char Dham Yatra
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