☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Art & Culture

झारखंड का ऐसा अनोखा मंदिर जहां माता को फूल की जगह चढ़ाया जाता है पत्थर, जानें रामगढ़ रांची के छठे राजा क्यों करते थे पूजा  

झारखंड का ऐसा अनोखा मंदिर जहां माता को फूल की जगह चढ़ाया जाता है पत्थर, जानें रामगढ़ रांची के छठे राजा क्यों करते थे पूजा   

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): हमारे देश में मंदिरों की कोई कमी नहीं है. देश के अलग-अलग हिस्सों में करोड़ों ऐसे मंदिर है, जिनका पौराणिक रहस्य के साथ लोगों की श्रद्धा भी जुड़ी है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां भगवान की चरणों में फूल नहीं बल्कि पत्थर चढ़ाए जाते हैं, क्योंकि यहां पत्थर चढ़ाने से लोगों की मनोकामनाएं और मन्नत है पूरी होती है, तो लिए आज हम आपको बताते हैं झारखंड के एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताते है जिसका इतिहास बहुत ही अनोखा है.

ऐसा मंदिर जहां फूल की जगह चढ़ाया जाता है पत्थर

हजारीबाग जिले के बड़कागांव में स्थित पंच वाहिनी मंदिर अपने आप मे अनोखी पहचान रखता है. जहां पूजा के दौरान फूल नहीं मन्नत पूरी करने के लिए मां को पत्थर चढ़ाते हैं. इस मंदिर में पांच माताओं की पूजा की जाती है. जिसकी वजह से यहां पांच पत्थर चढ़ाने की परंपरा है. जिसके अनुसार माता पर पत्थर चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं. वहीं जनवरी महीने में मकर संक्रांति के मौके पर इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस पूजा में मिठाइयों की जगह पत्थरों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

मंदिर के नीचे स्थित है गुफानुमा कुंड

वहीं प्राकृतिक दृष्टी से भी ये मंदिर काफी अच्छा है. क्योंकि इस मंदिर के नीचे गुफानुमा जलकुंड भी है, जहां भक्त स्नान कर पूजा करते हैं. इसी स्थान पर मिलनेवाले पत्थरों को मंदिर में माता के पास चढ़ाया जाता है. वहीं लोगों की माने तो ये परंपरा सदियों से चलती आ रही है. वहीं जब भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है, तो पंच वाहिनी मंदिर में पत्थरों को उतारने की भी मान्यता है.

इस राजा ने अपने किले को बचाने के लिए की थी  5 देवियों की पूजा

वहीं इस मंदिर के इतिहास की बात करे, तो कर्णपुरा राज के राजा दलेल सिंह की पुस्तक शिव सागर के अनुसार 1685 ईसी में रामगढ़ रांची के छठे राजा हेमंत सिंह ने अपने किले की स्थापना बादम के बादमाही नदी किनारे किया था. हेमंत सिंह के बाद राजा दलेल सिंह ने किले को बचाने के लिए हराहरो नदी की धारा को बदलने के लिए चट्टान को कटवा दिया. जिसके बाद नदी का रास्ता बदल गया. वहीं लोगों की माने, तो यदि नदी ने रास्ता नहीं बदला होता, तो किले पर भी आफत आ सकती थी. वहीं किले को बचाने के लिए राजा हेमंत सिंह 5 देवियों की पूजा अर्चना करते थे.

Published at:02 Sep 2023 04:54 PM (IST)
Tags:Such a unique temple of Jharkhand where stones are offered to the Mother Goddess instead of flowers know why the sixth king of Ramgarh Ranchi used to worship her. unique temple of Jharkhandstones are offered to the Mother Goddess instead of flowerssixth king of Ramgarh Ranchi used to worship
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.