टीएनपी डेस्क: पूर्वजों को समर्पित पितृ पक्ष आज 18 सितंबर से शुरू हो चुका है. आज से पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, दान करने से परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है. कहा जाता है कि, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों का श्राद्ध कर्म, तर्पण व पिंड दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही सात पीढ़ियों तक के लिए वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिल जाता है. आज 18 सितंबर को पहला श्राद्ध है. वहीं, 15 दिनों तक चलने वाले इस पितृ पक्ष की समाप्ति सर्व पितृ अमावस्या यानी 2 अकूट्बर को होगी. इस दौरान जरूरी है कि हम अपने पूर्वजों की पूजा पूरे विधि-विधान और श्रद्धा-भक्ति से करें. क्योंकि, हमारी एक गलती से हमारे पूर्वज नाराज हो सकते हैं और पितृ दोष भी लग सकता है. जानिए पितृ पक्ष के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए
नहीं करने चाहिए शुभ कार्य: पितृ पक्ष के समय पूर्वजों को याद किया जाता है. इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए. शादी, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ काम पितृ पक्ष में नहीं करने चाहिए. इससे पूर्वज नाराज हो सकते हैं.
नई शुरुआत: पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नया व्यवसाय और काम या नई नौकरी और नए घर में प्रवेश जैसे नए कार्यों का शुभारंभ नहीं करना चाहिए. इस समय किए गए किसी भी नए काम में सफलता मिलने की संभावना बहुत काम होती है और बहुत ज्यादा संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है.
इनको भूलकर भी न करें दान: पुराने कपड़े खासकर काले कपड़े, चमड़े की चीजें, बासी खाना, तेल और लोहा आदि जैसी चीजों को दान नहीं करना चाहिए.
मांसाहारी भोजन से बनाएं दूरी: पितृ पक्ष के दौरान सादा भिजन ग्रहण करना चाहिए. खाना बिना लहसुन-प्याज के पकाना चाहिए. साथ ही इस दौरान मांसाहारी भोजन भी नहीं करना चाहिए.
रात में न करें ये काम: सूर्यास्त के बाद भूलकर भी दान या पूर्वजों का तर्पण व श्राद्ध कार्य नहीं करना चाहिए. श्राद्ध व पितृ का तर्पण हमेशा सूर्य की रोशनी में ही करनी चाहिए. क्योंकि, सूर्य की रोशनी में ही सारे पितृ गण धरती पर आते हैं और अन्न-जल ग्रहण करते हैं.
पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए
- पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म करना चाहिए. इसके द्वारा ही एक पुत्र को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है.
- इस दौरान गरीब, असहाय और दरिद्रों में अन्न, वस्त्र आदि दान करना चाहिए.
- पंडित-साधुओं को दान-दक्षिणा देनी चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए.
- इस दौरान गाय को घास, कौंवे को अन्न, कुत्ते को रोटी जरुर देना चाहिए.
- सूर्य की रोशनी में ही पूर्वजों का तर्पण व श्राद्ध कार्य करना चाहिए.
Disclaimer: यहां दी गई सारी जानकारी अलग अलग माध्यमों से ली गई है. इससे जुड़ी जानकारी लेने के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से संपर्क करें.