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Janmashtami 2023: भगवान श्रीकृष्ण ने कहां रखा था अपना पहला कदम, जानें उन 6 स्थानों को जहां आज भी कन्हैया के मिलते हैं प्रमाण  

Janmashtami 2023: भगवान श्रीकृष्ण ने कहां रखा था अपना पहला कदम, जानें उन 6 स्थानों को जहां आज भी कन्हैया के मिलते हैं प्रमाण   

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): श्री कृष्ण जी के भक्त बहुत होंगे, लेकिन बहुत कम को ये पता होगा कि आखिर श्री कृष्ण किस स्थान पर जन्मे और जब चलना शुरु किया, तो सबसे पहले उन्होंने पहला कदम कहां रखा था, तो आज हम आपको श्री कृष्ण से जुड़े हम ऐसे छह स्थानों के नाम बताने जा रहे हैं, जिससे श्री कृष्ण का गहरा नाता रहा है, और आज भी यहां इसके प्रमाण मिलते हैं.

जानें उन 6 स्थानों को जहां आज भी कन्हैया के मिलते है प्रमाण

यहां हुआ था कन्हैया का जन्म: कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर हम आपको कुछ ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं,  जहां आज भी कृष्ण की निशानियां मंदिर या अन्य रूपों किसी रुप में देखने को मिलती है. तो सबसे पहले हम आपको बता दे की मथुरा के एक कारागार में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. वहां एक विशेष स्थान को कृष्ण जन्म स्थान मानकर एक चबूतरे के रूप में विकसित किया गया है. ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया.

यहां माता यशोदा लल्ला के करवाती थी स्नान: वहीं भगवान श्री कृष्ण जिस स्थान पर स्नान करते थे, वो स्थान आज भी पवन सरोवर के रुप में नंदगांव में स्थित है. पुरानी मान्यताओं के अनुसार माता यशोदा अपने लल्ला को इसी सरोवर में स्नान करवाती थी. नंदगांव में ही श्री कृष्ण का बचपन बीता था, यहां एक भव्य मंदिर आज भी है. जिसके बगल में ये सरोवर स्थित है. इसके दर्शन करने के लिए आज भी भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं.

यहां कन्हैया और बलराम का हुआ मुंडन: वहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र में माता भद्रकाली का एक मंदिर है, जहां माता यशोदा ने अपने कन्हैया और बलराम का मुंडन करवाया था. जहां आज भी भगवान श्री कृष्ण के पद चिन्ह देखने को मिलते है.जिसके दर्शन के लिए लोग यहां आते हैं.

जहां श्रीकृष्ण ने की पढ़ाई: वहीं भगवान श्रीकृष्ण पढ़ने के लिए उज्जैनी आए थे, जिसका नाम बदलकर आज उज्जैन रखा गया है. आज भी यहां गुरु सांदिपनी का वो पुराना आश्रम मौजूद है. जहां बैठकर कन्हैया पढ़ाई किया करते थे. दूर-दूर से लोग यहां आज भी दर्शन करने के लिए आते हैं.

यहां थी श्रीकृष्ण की द्वारिका नगरी: वहीं श्रीकृष्ण ने गुजरात के समुद्र तट पर अपनी नगरी द्वारिका बसाई थी. ऐसा माना जाता है कि समुद्र के नीचे आज भी द्वारकाधीश के होने के प्रमाण हैं. यहां एक कृष्ण का भव्य मंदिर भी स्थित है.जहां भक्तों की भीड़ जुटती हैं.

जहां भगवान ने दिया गीता का ज्ञान: वहीं जब महाभारत के युद्ध में अर्जुन अपने कर्तव्य से विचलित होकर युद्ध से पीछे हटे, तो भगवान श्रीकृष्ण उन्हे इसी रणभूमी में गीता का ज्ञान दिया था. आज भी ये स्थान हरियाणा में मौजूद है, जहां एक पीपल का पेड़ है.जो तीर्थ स्थान के रुप में जाना जाता है.

Published at:06 Sep 2023 04:31 PM (IST)
Tags:Janmashtami 2023: Where did Lord Krishna take his first step know those 6 places where evidence of Kanhaiya is found even todayJanmashtami 2023 Lord Krishna first stepevidence of Kanhaiya is found even today
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