टीएनपी डेस्क(TNPDESK) : अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली के लिए जाना जाने वाला झारखंड वनों का प्रदेश के नाम से भी जाता है. झारखंड राज्य अपने हरे-भरे जंगलों, पहाड़ों, झरनों और ऐतिहासिक स्थलों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. झारखंड की राजधानी रांची इस राज्य की शान में चार चांद लगाती है. लेकिन केवल प्राकृतिक और पर्यटक स्थल ही नहीं बल्कि यहां की मंदीरें भी काफी फेमस हैं. यहां के मंदिरों में सिर्फ यहां के निवासी ही नहीं बल्कि दूर दूर से भी भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं. झारखंड में फेमस मंदिरों में से एक है बाबा धाम. देवघर में स्थित यह शिव मंदिर काफी प्रसिद्ध है. सावन के पवित्र महीने में लाखों की संख्या में शिव भक्तों की भीड़ इस मंदिर में देखने को मिलती है. दूसरे में है पहाड़ी मंदिर. पहाड़ों पर स्थित भगवान शिव का मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. वहीं, फेमस मंदिरों में अब एक और नाम जुड़ गया है. यहां एक मंदिर ऐसा भी है जहां राज्य का सबसे बड़ा शिवलिंग है. यह शिवलिंग राज्य की राजधानी रांची के चुटिया केतारी बागान स्थित सुरेश्वर मंदिर में स्थापित है. पहाड़ी मंदिर के बाद शिव भक्तों की भीड़ इसी मंदिर में देखने को मिलती है. ऐसे में अगर आप भी सावन के महीने में यहां के भगवान शिव के दर्शन करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है.
दो साल पहले इ हुई है मंदिर की स्थापना
यूं तो सुरेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना 2 साल पहले यानी कि 7 अगस्त 2022 में की गई थी. लेकिन इस मंदिर की नींव 2012 में ही रखी गई थी. समजसेवकों और शिव भक्तों द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया है. मंदिर की स्थापना से पहले यहां एक छोटा सा बजरंगबली का मंदिर था, जिसमें एक शिवलिंग भी था. यहां का शिवलिंग देश के दूसरे बड़े शिवलिंग जो की कर्नाटक के कौटिल्य लिंगेश्वर मंदिर में स्थापित है, जितना ऊंचा है. इसलिए इस शिवलिंग की गिनती भी देश के दूसरे बड़े शिवलिंग की गिनती में की जाती है. करीब 108 फीट ऊंचा शिवलिंग होने के कारण यह लोगों में आकर्षण का केंद्र भी बन गया है. यहां केवल भक्त बल्कि पर्यटक भी घूमने के लिए आते हैं. साल भर इस मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर में हर दिन अपनी मनोकामना को लेकर आए भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है.
हर दिन किया जाता है भोलेबाबा का शृंगार
वहीं, सावन का महीना भी शुरू होने वाला है, ऐसे में इस मंदिर में कई भक्त अपनी मनोकामना लेकर बाबा के दरबार में पहुंचेंगे. इस मंदिर में भी सावन को लेकर खास तैयारियां भी चल रही है. इस दौरान भक्तों का मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है यह 108 फीट ऊंचा शिवालय. ऐसे में आप सावन के महीने में इस मंदिर में आ सकते हैं. इस मंदिर में सावन के दौरान हर दिन भोलेबाबा का शृंगार किया जाता है. जिसे देखने के लिए रात के वक्त भक्तों की काफी भीड़ भी उमड़ती है. सावन के महीने में दिनभर भक्त भोलेबाबा पर जल चढ़ाने के लिए आते रहते हैं.
मुख्य द्वार पर दर्शाये गए हैं 12 ज्योर्तिलिंग
निर्माण के बाद मात्र दो साल में ही सुरेश्वर महादेव मंदिर का नाम रांची के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक केंद्रों में आ गया है. 1 किलोमीटर दूर से ही दिख जाता है शिवलिंग. इस मंदिर की बनावट और यहां पर स्थापित नर्मदेश्वर शिवलिंग के लिए मशहूर इस मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से ओडिशा और कर्नाटक के कारीगरों द्वारा किया गया है. पौराणिक कथा व मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर के पीतल के बने मुख्य द्वार पर 12 ज्योर्तिलिंगो को दर्शाया गया है. साथ ही पूरे परिवार और नंदी के साथ भगवान शिव को विराजित किया गया है. यहां महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है और महाभंडारे का आयोजन भी किया जाता है.