☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Art & Culture

आज से चार महीनों तक भगवान शिव के हाथ होगी सृष्टि का संचालन, पढ़िए पुराणों में ऐसा क्यों कहा गया है 

आज से चार महीनों तक भगवान शिव के हाथ होगी सृष्टि का संचालन, पढ़िए पुराणों में ऐसा क्यों कहा गया है 

धनबाद(DHANBAD) : पुराणों की मानें तो आज बुधवार से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए क्षीर सागर में शयन  के लिए चले जाते है.  इसलिए ही इसे हरिशयन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. आज बुधवार को देवशयनी एकादशी है. भगवान 4 महीने के लिए निंद्रा में चले जाएंगे. पंडितों का यह भी कहना है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान के क्षीर सागर में चले जाने के बाद भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते है. चातुर्मास में सूर्य संक्रांति नहीं रहती, जिसके कारण पूरा महीना मलीन हो जाता है.  इस कारण कोई भी शुभ कार्य इस दौरान वर्जित होते है. साथ ही  विष्णु मंदिरों में विविध अनुष्ठान होते है. हरिशयन एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में जाते है. 

पंडितों के अनुसार भगवान के चार महीना विश्राम के दौरान हम लोग भी यह  संयम का पालन करते है. चार महीना के दौरान हम लोग भी कोई ना कोई प्रिय चीज का त्याग कर देते है. कुछ लोग अपनी बुरी आदतों को त्यागने का संकल्प लेते हैं और 4 महीने तक इसका पालन करते है. चार माह तक शादी- विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सहित मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है. अब सीधे 15 नवंबर के बाद मांगलिक कार्य शुरू होंगे. भगवान विष्णु के विश्राम करने से सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते है. इसलिए श्रावण से लेकर कार्तिक मास तक भगवान शिव के पूजा-पाठ करने का अत्यंत महत्व है. चातुमार्स का समापन देवउठनी, हरिप्रबोधिनी एकादशी पर होता है. इस एकादशी की तिथि को भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आते है. हरिशयनी एकादशी का व्रत सब व्रतों में उत्तम माना गया है. हरिशयनी एकादशी व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते है. इस व्रत के करने से व्यक्ति को दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

यह व्रत पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है. सनातन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु, जो समस्त ब्रह्माण्ड के पालनहार है, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी को चार महीने के लिए योग निद्रा में विश्राम की स्थिति में चले जाते हैं. अतः यह एकादशी देवशयनी एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है. पुनः भगवान नारायण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी को चार महीने बाद योग निंद्रा की स्थिति से बाहर आते हैं और संपूर्ण ब्रह्मांड का संचालन करते हैं, चुंकि भगवान नारायण इस तिथि को विश्राम की स्थिति से बाहर आते है या उठते हैं, इसलिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है. 

Published at:17 Jul 2024 05:07 PM (IST)
Tags:Dhanbadakadasimahatwamangalik karyarok
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.