टीएनपी डेस्क: सुख समृद्धि और बुद्धि के दाता गणपती बप्पा का त्योहार कुछ दिनों में शुरू होने वाला है. गणेश चतुर्थी मनाने के लिए पूरे भारत में इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर जन्में भगवान गणेश का जन्मोत्सव 6 सितंबर से 10 दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाला है. इस दौरान कई लोग अपने घरों में पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं. कहा जाता है कि, गणेश चतुर्थी के समय भगवान गणेश को घर पर लाने से भगवान गणेश सारे दुख दर्द और विघ्न को हर लेते हैं. ऐसे में अगर आप भी इस साल पहली बार अपने घर में गणपती लाने की सोच रहे हैं तो इससे संबंधित सारे नियमों को जरूर जान लें. माना जाता है कि, घर में गणपती स्थापना के दौरान विधि विधान से पूजा करने पर शुभ फल प्राप्त होता है और साथ ही रुके हुए काम भी जल्द हो जाते हैं. इस आर्टिकल में जानिए गणपती स्थापना के क्या है सही नियम और पूजा के दौरान किन बातों का रखना चाहिए खास ख्याल.
गणेश जी की प्रतिमा को लेकर इन बातों पर दें विशेष ध्यान
- भगवान गणेश की मूर्ति को लाने से पहले घर और विशेषकर पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई कर लें. साफ सफाई के बाद गंगाजल का छिड़काव जरुर करें. क्योंकि, स्वच्छ और शुद्ध घर में ही देवी देवता वास करते हैं.
- गणपती स्थापना के लिए अगर आप बाजार से प्रतिमा ला रहे हैं, तो प्रतिमा को एक बार जरूर जांच लें की वह कहीं से भी खंडित तो नहीं. क्योंकि, खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए. प्रतिमा खरीदते समय यह भी ध्यान देना चाहिए की प्रतिमा में भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर झुकी हो. इस तरह की गणेश प्रतिमा शुभ मानी जाती है. साथ ही गणेश भगवान के साथ आप ऋद्धि सिद्धि की स्थापना भी कर सकते हैं.
- प्रतिमा स्थापित करने के दौरान दिशा का भी खास ख्याल रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए ईशान कोण दिशा (उत्तर-पूर्व दिशा) शुभ माना जाता है. गणेश जी की प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा की ओर करके ही स्थापित करनी चाहिए. चौकी के आस पास स्वास्तिक बना कर उसे फूल माला से सजा दें.
पूजा के नियम
- दिशा के अनुसार एक साफ चौकी पर एक लाल या पीले रंग का साफ वस्त्र बिछा कर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें और गणेश चतुर्थी व्रत पूजन का संकल्प लें.
- गणेश भगवान की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद सबसे पहले प्रतिमा और आसपास की जगह पर शुद्ध गंगाजल छिड़क दें.
- प्रतिमा के आगे पूर्व दिशा में एक कलश रखें. कलश के अंदर सुपारी और सिक्का डालें. इसके बाद कलश के ऊपर आम का पल्लव रख कर उसके ऊपर लाल वस्त्र में लपेटकर एक नारियल रखें. कलश को मौली से बांध दें.
- इसके बाद भगवान गणेश को वस्त्र, जनेऊ, धुप, चंदन, धूप, अक्षत, दीप, पान, सुपारी, पीले फूल अर्पित कर फल और मिठाई खासकर मोदक का भोग लगा दें. सबसे जरूरी दूर्वा न भूलें, क्योंकि, भगवान गणेश को यह बहुत प्रिय है.
- फल-फूल चढ़ाने के बाद हाथ में अक्षत और फूल लेकर मंत्र का जाप कर भगवान की आराधना करें. इसके बाद आरती कर पूजा संपन्न कर सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में लिखी हुई साभी बातें मन्यताओं पर आधारित है. इस जानकारी को कई माध्यमों से लिया गया है.