टीएनपी डेस्क(TNP DESK):हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है, यदि आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको माता तुलसी की सेवा करनी होगी और उनकी पूजा आराधना करनी होगी, आपको बताएं कि कहते हैं सनातन धर्म में तुलसी माता को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है यह पौधा सबसे पवित्र और शुभ है, वही तुलसी की माला का भी धर्म ग्रंथों में महत्वपूर्ण बताया गया है.
तुलसी की माला के धारण से जातक के जीवन से बहुत सारी परेशानियां का नाश होता है
तुलसी की माला को धारण करने से जातक के जीवन से बहुत सारी परेशानियां का नाश होता है, तो वहीं इसको धारण करने के लिए भी कई नियमों का पालन करना पड़ता है. दरअसल तुलसी की माला को सूखी तुलसी से बनाया जाता है, तुलसी की माला धारण करने से ज्यादा की जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.उस व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता औपर आर्थिक परेशानी दूर रहती है.
तुलसी की माला धारण करनेवाले का बुध और शुक्र ग्रह मजबूत रहते हैं
वहीं इसके साथ ये भी माना जाता है कि तुलसी की माला धारण करनेवाले का बुध और शुक्र ग्रह मजबूत रहते हैं और जातक का मन कभी अशांत नहीं होता है, हमेशा शांत रहता है, आज हम आपको इस आर्टिकल के जरीये बतायेंगे कि तुलसी की माला को ग्रहण करने के सही नियम और तरीका क्या है.आपको बता दें कि तुलसी की माला को गले में पहन लेने से ही माता तुलती की कृपा आपके उपर नहीं बरसती है, इसके कुछ नियम बताये गये है, जिसका आप यदि पालन करते है, तो माता तुलसी की कृपा आपको प्राप्त होगी.
तुलसी की माला को धारण करने से पहले गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए
आपको तुलसी की माला को धारण करने से पहले गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए.वहीं इसके बाद तुलसी के मंत्रों का जापकर उसको पहनना चाहिए, वहीं इसको पहनकर कभी भी तामसिक भोजन मांस, मछली, मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
तुलसी और रुद्राक्ष एक साथ नहीं करें धारण
वहीं यदि आपने तुलसी की माला गले में धारण किया है, तो रुद्राक्ष बिल्कुल भी ग्रहण नहीं करें, यदि आप तुलसी और रुद्राक्ष दोनों एक साथ पहनते है, तो आपके जीवन में इसका नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वहीं ततुलसी की माला की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए और किसी भी स्थिति इसे गले से उतारना नहीं चाहिए.